मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फरमान ने उड़ा दी जिला कलेक्टरों की नींद, पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को हिसाब देने का फरमान जारी किया.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ सरकार ने कलेक्टरों से डीएमएफ के तहत खर्च की गई राशि का हिसाब तलब किया है. कलेक्टर्स कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को हिसाब देने का फरमान जारी किया. सीएम के निर्देश के बाद उन जिलों के कलेक्टरों की नींद उड़ गई है, जहां डीएमएफ में मनमाना खर्च किया गया है.
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मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कोरबा, दंतेवाड़ा जैसे जिलों में कलेक्टरों में मनमाने तौर पर खर्च किया हैं. वहीं, कुछ जिलों में कलेक्टरों ने बेहतर काम भी किया है, लेकिन डीएमएफ की उपयोगिता से अलग काम करने के कारण वे भी हिसाब देने में परेशान हो रहे हैं.
कुछ कलेक्टरों ने स्थानीय जरूरतों को देखते हुए फंड को खर्च किया है. ऐसे में बेहतर इस्तेमाल करने वाले कलेक्टर भी खर्च की जानकारी देने के दायरे में आ गये हैं. बताया जा रहा है कि बीजापुर में डीएमएफ से स्पोर्टस अकादमी और सरकारी अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार किया गया है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद डीएमएफ पर सबसे ज्यादा फोकस है.
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भाजपा सरकार में डीएमएफ की कमेटी से जनप्रतिनिधियों को बाहर कर दिया था और कलेक्टर को सभी अधिकार दे दिये गये थे. भूपेश सरकार ने इसे बदलते हुए जनप्रतिनिधियों की स्वीकृति को अनिवार्य किया है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव निपटने के बाद डीएमएफ पर रिकार्ड तलब करके सरकार ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि वो किसी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगी.
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