छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की आधी आबादी को दिया झटका
शराबबंदी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने ट्वीट (Tweet) किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि जिन्होंने धान के कटोरे को दारू का खोरबा बना डाला.
रायपुर:
शराबबंदी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने ट्वीट (Tweet) किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि जिन्होंने धान के कटोरे को दारू का खोरबा बना डाला. वह किस मुंह से शराब बंदी की बात कर रहे हैं. इसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई. विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों प्रवक्ताओं सहित पार्टी प्रमुखों ने भी भूपेश बघेल के ट्वीट को आड़ेहाथों लिया है. शराबबंदी पर मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद पूर्व कृषि मंत्री और वर्तमान रायपुर दक्षिण विधायक ब्रिजमोहन अग्रवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता शराबबंदी ही होनी चाहिए.अपनी बात से मुकरें नहीं. जनता से जो वादा किया है. हर हाल में पूरा करें.
जिन्होंने धान के कटोरे को 'दारू का कटोरा' बना डाला, वो किस मुंह से शराबबंदी की बात कर रहे हैं?
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 13, 2019
हम शराबबंदी करेंगे, अवश्य करेंगे। लेकिन नोटबन्दी की तरह नहीं। बल्कि समाज के हर वर्ग से चर्चा कर फैसला लिया जाएगा।
हां! इसमें कुछ वक्त जरूर लग सकता है।
राज्य की पहली प्रादेशिक पार्टी का दर्जा पा चुकी पूर्व मुख्यमंत्री जेसीसी सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने चुनाव में शराबबंदी का वादा किया था. जिसके बाद प्रदेश भर की महिलाओं ने उन पर भरोसा करके झारा-झारा वोट दिया. और जिस तरीके से पार्टी को चुनाव में बहुमत मिले हैं. उसी तरह से लोगी से किये वादों को पूरा किया जाना चाहिए. लेकिन सरकार वादों को पूरा करने से बचती नज़र आ रही है. इसी लिए तरह तरह के बहाने खोज रही है. अगर सरकार ने शराब बंदी को लेकर वादाखिलाफी करेगी तो हम आंदोलन छेड़ देंगे.
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भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन से रायपुर वापस लौटे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शराब बंदी पर मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर हमलावर अंदाज में कहा की . अगर शराब बंदी करने में इतनी दिक्कत हो रही है. तो जनता से वादा क्यों किया था. चुनाव में तो उड़ी उड़ी में बोल गए कि शराब बंदी करेंगे. और अब जब काम करने की बारी आई तो शराब बंदी पर समाज से चर्चा करने के नाम पर वादाखिलाफी की जा रही है. अगर आप शराब बंदी को लेकर इतने ही सीरियस होते तो विपक्ष में रहते हुए भी समाज के हर तबके से चर्चाएं शुरू कर देनी चाहिए थी. कौशिक ने जेसीसी सुप्रीमो का समर्थन करते हुए कहा की शराब बंदी के खिलाफ अगर जरूरत पड़ी तो विपक्ष एकजुट होकर आंदोलन करेगा.
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