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चुनाव से एक दिन पहले छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ , एक नक्‍सली ढेर, देखें VIDEO

बीजापुर के बेड्रा इलाके में छत्‍तीगढ़ स्‍पेशल टॉस्‍क फोर्स और नक्‍सलियों के बीच रविवार को मुठभेड़ में एक नक्‍सली मारा गया. इस दौरान एक नक्‍सली के पकड़े जाने की भी सूचना है. भ्मुठभेड़ अभी भी जारी है. नक्‍सलियों के पास से दो राइफल और एक जिंदा भी बरामद हुआ है.

Updated on: 11 Nov 2018, 06:21 PM

बीजापुर:

छत्‍तीसगढ़ में कल यानी 12 नवंबर को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे, लेकिन नक्‍सली इस चुनावी प्रक्रिया में खलल डालने पर आमादा हैं. रविवार को अंतागढ़ में नक्सलियों ने 7 ब्लास्ट किये. ब्‍लास्‍ट में BSF के सब इंस्‍पेक्‍टर महेंद्र सिंह शहीद हो गए. इसके बाद कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के आलपारस इलाके में पुलिस और नक्‍सलियों के बीच फायरिंग हुई. 

वहीं बीजापुर के बेड्रा इलाके में छत्‍तीगढ़ स्‍पेशल टॉस्‍क फोर्स और नक्‍सलियों के बीच रविवार को हो रहे मुठभेड़ में एक नक्‍सली मारा गया. इस दौरान एक नक्‍सली के पकड़े जाने की भी सूचना है. मुठभेड़ अभी भी जारी है. नक्‍सलियों के पास से दो राइफल और एक जिंदा भी बरामद हुआ है.

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वहीं अंतागढ़ में नक्सलियों ने 7 ब्लास्ट किये. कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के आलपारस इलाके में पुलिस और नक्‍सलियों के बीच फायरिंग हुई. ब्‍लास्‍ट में BSF के सब इंस्‍पेक्‍टर महेंद्र सिंह घायल हो गए. बता दें गुरुवार को को दंतेवाड़ा में नक्‍सिलयों ने एक बड़ा हमला कर CISF जवानों से भरी एक बस को आईईडी ब्‍लास्‍ट से उड़ा दिया था. इस हमले में 5 लोग मारे गए थे. इसमें ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर और एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसस पहले चार जवान यहीं पर शहीद हुए थे.

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बता दें छत्तीसगढ़ में आरंभिक चरण में 12 नवंबर को छत्तीसगढ़ में मतदान होगा, जिसमें जिसमें भारत में नक्सलियों का केंद्र बस्तर इलाका भी शामिल है. करीब 40,000 वर्ग किलोमीटर में फैले बस्तर इलाके में लौह-अयस्क का प्रचुर भंडार है. जनजाति बहुल इस इलाके में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं. 1980 के दशक के आखिर से यह बड़े नक्सलियों का पनाहगाह रहा है. केंद्र सरकार ने बस्तर में नक्सलियों का उन्मूलन करने के लिए राज्य के 25,000 पुलिसकर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बल के करीब 55,000 जवानों को तैनात कर रखा है.

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प्रदेश खुफिया विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "बस्तर में नक्सली अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके प्रभाव का क्षेत्र काफी सिमटकर रह गया है लेकिन चुनाव की गहमागहमी के दौरान वे कुछ बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं. वे या तो राजनेता, नौकरशाह, सुरक्षाकर्मी, मतदानकर्मियों या मीडिया के लोगों को बड़ा शिकार बनाना चाहते हैं, क्योंकि चुनाव को लेकर इलाके में इनकी आवाजाही शुरू हो गई है."  बस्तर स्थित काउंटर टेररिज्म एंड जंगल वारफेयर कॉलेज (सीटीजेडब्ल्यूसी) के निदेशक ब्रिगेडियर बी. के. पोनवर (अवकाश प्राप्त) ने कहा, "उनकी भर्ती पूरी तरह खत्म हो चुकी है. हथियारों की आपूर्ति बंद हो चुकी है. सबसे अहम बात यह कि बुजुर्ग हो चुके नक्सली नेता लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. इस प्रकार वे हिंसक आंदोलन को अंजाम देने लायक नहीं रह गए हैं."

बड़े नक्सली हमले

  • 13 मार्च 2018:सुकमा में लैंडमाइन ब्लास्ट में 9 जवान शहीद, 25 घायल
  • 11 मार्च 2017: सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमला, 11 सीआरपीएफ जवान शहीद.
  • 11 मार्च 2014: टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ पर नक्सली हमला, 16 जवान शहीद.
  • जुलाई 2007: छत्तीसगढ़ के एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
  • अगस्त 2007: छत्तीसगढ़ के तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
  • 1 दिसंबर 2014: सुकमा में सीआरपीएफ की 233 बटालियन पर हमला, 13 जवानों शहीद.
  • 12 जुलाई 2009: राजनांदगांव के एम्बुश नक्सलियों के हमले में 29 जवान हुए थे शहीद.
  • 6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
  • सितम्बर 2005: बीजापुर स्थित गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन पर ब्लास्ट, 23 जवान शहीद.