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केंद्र सरकार ने बासवान समिति पर किया विचार, सिविल सेवा परीक्षा में करेगी बदलाव

केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न और अधिकतम उम्र सीमा में बदलाव करने की सोच रही है। दरअसल, केंद्र सरकार यूपीएससी द्वारा गठित बासवान समिति की रिपोर्ट की जांच पड़ताल कर रही है।

Updated on: 15 Nov 2017, 08:36 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न और अधिकतम उम्र सीमा में बदलाव करने की सोच रही है। दरअसल, केंद्र सरकार यूपीएससी द्वारा गठित बासवान समिति की रिपोर्ट की जांच पड़ताल कर रही है।

यूपीएससी ने अपनी बासवान समिति की रिपोर्ट में सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न को बदलने और अधिकतम उम्र सीमा 32 को कम करने की सिफारिशें की थी।

विभाग ने बताया कि बासवान समिति की रिपोर्ट और उस पर यूपीएससी की सिफारिशें 20 मार्च, 2017 को सरकार को सौंपी गई थी। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।

सिविल सेवा परीक्षा को लेकर विवाद होने और व्यापक पैमाने पर छात्रों के विरोध के बाद यूपीएससी ने मानव संसाधन मंत्रालय के पूर्व सचिव और आइएएस अधिकारी बीएस बासवान की अध्यक्षता में अगस्त, 2015 में समिति का गठन किया था।

कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पिछले साल नवंबर में राज्यसभा में एक लिखित बयान में समिति की रिपोर्ट की यूपीएससी द्वारा पड़ताल करने की बात कही थी। सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य और व्यक्तित्व परीक्षण या साक्षात्कार) में संपन्न होती है। इसके जरिये ही आइएएस, आइपीएस, आइआरएस और आइएफएस अधिकारियों का चयन किया जाता है।

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