logo-image

अन्य नेटवर्क पर कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क जारी रहेगा

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने किसी आपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली मोबाइल कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट के शुल्क को एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

Updated on: 18 Dec 2019, 10:37 AM

दिल्ली:

दूरसंचार आपरेटरों (telecom operators) को उनके प्रतिद्वंद्वी के नेटवर्क पर की गई प्रत्येक कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक देना होगा. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने किसी आपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली मोबाइल कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट के शुल्क को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. अब यह शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा. इन शुल्कों को अब एक जनवरी, 2021 से समाप्त करने का प्रस्ताव है.

यह भी पढ़ें: पशुचारे का उत्पादन बढ़ाने से घट जाएगी दूध उत्पादन की लागत

समयाअवधि बढ़ने से इंडस्ट्री को मिलेगी राहत
दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (COAI) ने कहा कि इससे कर्ज के बोझ से दबे उद्योग को कुछ राहत मिलेगी. सीओएआई ने कहा कि छह पैसे प्रति मिनट के कॉल टर्मिनेशन शुल्क से उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि आपरेटरों ने हाल में अपनी मोबाइल कॉल और डेटा दरों में जो वृद्धि की है उसमें इसे शामिल किया गया है. ट्राई ने मंगलवार को कहा कि वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का टर्मिनेशन शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा. पहले यह शुल्क 14 पैसे प्रति मिनट था. एक अक्टूबर, 2017 को इसे घटाकर छह पैसे प्रति मिनट किया गया था. एक जनवरी, 2020 से इस शुल्क को समाप्त किया जाना था.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक में बाढ़ से 6 फीसदी फसल चौपट, क्रिसिल (CRISIL) की रिपोर्ट

नियामक ने कहा कि अब वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क एक जनवरी, 2021 से समाप्त होगा. एक अनुमान के अनुसार इंटरकनेक्ट शुल्क को 14 पैसे से छह पैसे प्रति मिनट किए जाने के बाद आपरेटरों को 11,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यदि इसे एक जनवरी, 2020 से समाप्त किया जाता, तो इससे क्षेत्र पर 3,672 करोड़ रुपये का प्रभाव और पड़ता.

यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today 18 Dec 2019: 6 दिन गिरने के बाद पेट्रोल का दाम स्थिर, जानें आज के रेट

ट्राई ने कहा कि उपरोक्त स्थिति के मद्देनजर और उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए बिल एंड कीप (बीएके) के क्रियान्वयन को एक साल के लिए टाल दिया गया है. अब इसे एक जनवरी, 2021 से लागू किया जाएगा. मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क के तहत नि:शुल्क कॉल की सुविधा देने वाले आपरेटरों को उनके नेटवर्क के बाहर की गई प्रत्येक आउटगोइंग कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क देना होता है. इन शुल्कों की वसूली को आपरेटर मोबाइल कॉल प्लान में ही प्रावधान करते हैं.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today 18 Dec 2019: MCX पर सोने-चांदी में आज के लिए क्या है रणनीति, जानें एक्सपर्ट की राय

सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने कहा कि मौजूदा आपरेटरों ने संभवत: इसके लिए अधिक अवधि का आग्रह किया होगा. इस विस्तार से निवेशकों का क्षेत्र के अनुकूल, स्थिर और पारदर्शी होने पर भरोसा कामय हो सकेगा. यह निश्चित रूप से सही दिशा में उठाया गया कदम है. हालांकि, मैथ्यू ने इसके साथ ही कहा कि मोबाइल कॉल टर्मिनेशन शुल्क जारी रखने से दूरसंचार आपेटरों को समायोजित सकल राजस्व में 1.33 लाख करोड़ रुपये का बोझ वहन करने में मदद नहीं मिलेगी. इसका भुगतान जनवरी में किया जाना है.