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ट्राई के सुझाए मूल्य पर 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली नहीं लगाएगी भारती एयरटेल

दूरसंचार नियामक ने इसके लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आधार मूल्य तय किये जाने की सिफारिश की है.

Updated on: 06 Feb 2020, 01:00 AM

दिल्ली:

दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने कहा है कि वह आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा तय आधार मूल्य पर 5जी स्पेक्ट्रम नहीं खरीदेगी. दूरसंचार नियामक ने इसके लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आधार मूल्य तय किये जाने की सिफारिश की है. कंपनी पर करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये की देनदारी है. इसमें उच्चतम न्यायालय के अक्टूबर, 2019 के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर फैसले से कंपनी पर 35,500 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया भी है. भारती एयरटेल के मुख्य वित्त अधिकारी बादल बागड़ी ने तिमाही नतीजों के दौरान हालांकि, कहा कि उद्योग अब खुद की मरम्मत कर रहा है.

मोबाइल कॉल और इंटरनेट दरों में बढ़ोतरी से स्थिति कुछ सुधरी है. हालांकि, इसमें अभी और वृद्धि की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उद्योग उम्मीद कर रहा है कि समायोजित सकल राजस्व मामले में न्यायिक और नियामकीय मोर्चे पर कुछ अनुकूल नतीजे सामने आएंगे जो उद्योग की दीर्घावधि की वृद्धि के लिए जरूरी है. भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारत और दक्षिण एशिया गोपाल विट्टल ने कहा, 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में ट्राई ने 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 50,000 करोड़ रुपये मूल्य की सिफारिश की है. 5जी के लिए बड़े ब्लॉक स्पेक्ट्रम की जरूरत होती है.

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100 मेगाहर्ट्ज के लिए 50,000 करोड़ रुपये. यह हम नहीं दे सकते. हमारा मानना है कि यह काफी ऊंचा है. इस मूल्य पर हम स्पेक्ट्रम नहीं खरीदेंगे. ट्राई ने 3,300 से 3,600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज के आधार मूल्य का प्रस्ताव किया है. 5जी स्पेक्ट्रम खरीदने के इच्छुक आपरेटरों को 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए कम से कम 9,840 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे, क्योंकि नियामक ने इसकी नीलामी 20 मेगाहर्ट्ज के ब्लॉक में करने का सुझाव दिया है.

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दूरसंचार विभाग में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय ‘दि डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन’ ने ट्राई के सुझावों को मंजूरी दे दी है. विट्टल ने कहा, हालांकि दूरसंचार कंपनियों ने मोबाइल कॉल और इंटरनेट दरों में दिसंबर में वृद्धि की है लेकिन निवेश पर बेहतर रिटर्न के लिये दरों को और बढ़ाने की आवश्यकता है.