logo-image

Debt Mutual Fund: इनवेस्टमेंट का सबसे सुरक्षित तरीका, क्या है खासियत जानें

Debt Fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है. इसके अलावा कुछ हिस्सा equity यानि शेयर्स में भी इनवेस्ट किया जाता है.

Updated on: 29 Apr 2019, 10:50 AM

नई दिल्ली:

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए पैसे को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलती है. निवेशकों के लिए मार्केट में कई तरह के म्यूचुअल फंड (MF) मौजूद हैं. उन्हीं में से एक हैं डेट फंड (Debt Mutual Fund). डेट फंड की खासियत क्या है. इसमें निवेश करके निवेशकों को क्या फायदा मिलता है. इन सभी बातों को हम इस रिपोर्ट में समझने की कोशिश करेंगे.

यह भी पढ़ें: Investment Funda: कैसे चुनें म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के ऑप्शन

डेट फंड- Debt Fund
Debt Fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है. किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त है कि उसका कम से कम 65 फीसदी रकम बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए. डेट म्यूचुअल फंड के तहत government bonds, company bonds, corporate fixed deposits और bank deposits में निवेश किया जाता है. इसके अलावा शेष पैसे को equity यानि शेयर्स में इनवेस्ट किया जाता है.

यह भी पढ़ें: Investment Mantra: 5 साल में इस Mutual Fund ने निवेशकों को दिया मोटा मुनाफा

अन्य म्यूचुअल फंड के मुकाबले debt funds सुरक्षित
डेट फंड्स (debt funds) का पैसा फिक्स्ड रिटर्न (fixed return) देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है. इसलिए इनमें नुकसान का खतरा कम रहता है. हालांकि इस तरह के फंड में निवेश से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद भी नहीं करें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि bank fixed deposits के मुकाबले debt funds में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.

यह भी पढ़ें: Investment: टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) क्या है. इससे कैसे बचा सकते हैं टैक्स, जानिए पूरा गणित

3 साल बाद निकालने पर LTCG
debt fund को 3 साल बाद भुनाने पर long term capital gains tax (LTCG) लगता है. long term capital gains tax की दर बिना इंडेक्सेशन (Indexation) के 10 फीसदी होगी और indexation के साथ 20 फीसदी. इंडेक्सेशन निवेश के मुनाफे पर टैक्स देनदारी को कम करने का जरिया है. इस तरीके में निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ा लिया जाता है. निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता है और फिर टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है.

3 साल पहले निकालने पर STCG
3 साल के पहले debt mutual fund units को बेचने पर हुई आमदनी पर short-term capital gains tax चुकाना पड़ेगा. इस short term capital gain को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना की जाएगी.

यह भी पढ़ें: देर से शुरू की नौकरी, फिर भी रिटायरमेंट पर बन जाएंगे करोड़पति, बस करना होगा ये काम

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)