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आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) से लड़ने में कितना कारगर है Debt Mutual Fund, जानें यहां

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए पैसे को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलती है. Debt Fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है.

Updated on: 17 Sep 2019, 11:14 AM

नई दिल्ली:

Debt Mutual Fund: आजकल हरतरफ आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) का शोर है. जानकार मानते हैं कि मंदी के इस दौर में निवेश के इंस्ट्रूमेंट पर फिर से ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल, मंदी से पहले निवेशक जिन निवेश उत्पादों में निवेश कर रहे थे हो सकता है कि उनमें अब मनचाहा रिटर्न नहीं मिल रहा हो. एक्सपर्ट का कहना है कि चूंकि मौजूदा समय में दुनियाभर के बाजारों में भारी उठापटक चल रही है. ऐसे में मार्केट से लिंक निवेश माध्यमों में निवेश सोच समझकर करने की जरूरत है. इस रिपोर्ट में साधारण म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बजाय डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में निवेश के अवसर तलाशने की कोशिश की गई है.

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बता दें कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए पैसे को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलती है. निवेशकों के लिए मार्केट में कई तरह के म्यूचुअल फंड (MF) मौजूद हैं. उन्हीं में से एक हैं डेट फंड (Debt Mutual Fund). डेट फंड की खासियत क्या है. इसमें निवेश करके निवेशकों को क्या फायदा मिलता है. इन सभी बातों को हम इस रिपोर्ट में समझने की कोशिश करेंगे.

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डेट फंड- Debt Fund
Debt Fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है. किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त है कि उसका कम से कम 65 फीसदी रकम बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए. डेट म्यूचुअल फंड के तहत government bonds, company bonds, corporate fixed
deposits और bank deposits में निवेश किया जाता है. इसके अलावा शेष पैसे को equity यानि शेयर्स में इनवेस्ट किया जाता है.

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अन्य म्यूचुअल फंड के मुकाबले debt funds सुरक्षित
डेट फंड्स (debt funds) का पैसा फिक्स्ड रिटर्न (fixed return) देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है. इसलिए इनमें नुकसान का खतरा कम रहता है. हालांकि इस तरह के फंड में निवेश से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद भी नहीं करें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि bank fixed deposits के मुकाबले debt funds में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.

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3 साल बाद निकालने पर LTCG
debt fund को 3 साल बाद भुनाने पर long term capital gains tax (LTCG) लगता है. long term capital gains tax की दर बिना इंडेक्सेशन (Indexation) के 10 फीसदी होगी और indexation के साथ 20 फीसदी. इंडेक्सेशन निवेश के मुनाफे पर टैक्स देनदारी को कम करने का जरिया है. इस तरीके में निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ा लिया जाता है. निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता है और फिर टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है.

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3 साल पहले निकालने पर STCG
3 साल के पहले debt mutual fund units को बेचने पर हुई आमदनी पर short-term capital gains tax चुकाना पड़ेगा. इस short term capital gain को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना की जाएगी.

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(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)