अप्रैल से पहले निवेशकों को जमकर मिलेगा डिविडेंड, नए DDT सिस्टम का असर
बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार डिविडेंड पाने वालों को उनके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स अदा करना पड़ेगा. बता दें कि बजट में कंपनियों से वसूले जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को खत्म करने की घोषणा की है.
नई दिल्ली:
Budget 2020: आने वाले मार्च 2020 में कंपनियों की ओर से अंतरिम लाभांश (Dividend) की झड़ी लग सकती है. दरअसल, प्रमोटर होल्डिंग वाली कंपनियों की ओर से यह कदम उठाया जा सकता है. बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार डिविडेंड पाने वालों को उनके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स अदा करना पड़ेगा. बता दें कि बजट (Union Budget 2020-21) में कंपनियों से वसूले जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax-DDT) को खत्म करने की घोषणा की है.
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गौरतलब है कि कंपनियों में प्रमोटर हिस्सेदारी या तो अपने पास रखते हैं या फिर किसी ट्रस्ट आदि के जरिए प्रबंधन करते हैं. ऐसे लोगों के ऊपर एक अप्रैल से मिलने वाले डिविडेंड पर 43 फीसदी तक टैक्स देना पड़ सकता है.
अधिक प्रमोटर होल्डिंग कंपनियों की ओर से आ सकती है डिविडेंड की बाढ़
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसोसिएशन ऑफ नेशन एक्सचेंजेज ऑफ मेंबर्स ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट विजय भूषण का कहना है कि जिन कंपनियों में प्रमोटर्स की होल्डिंग ज्यादा है उन कंपनियों की ओर से मार्च में डिविडेंड की देने की झड़ी लग सकती है. बता दें कि वित्त वर्ष 2019 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से मुकेश अंबानी और उनकी निजी कंपनियों को करीब 1,800 करोड़ रुपये डिविडेंड दिया गया था. वहीं पिछले साल ही वेदांता की ओर से उसके प्रमोटर अनिल अग्रवाल और उनकी होल्डिंग वाली कंपनियों को 3,500 करोड़ रुपये डिविडेंड दिए गए थे.
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटने से कई कंपनियों को होगा फायदा
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) कंपनियां हटने की वजह से मल्टी नेशनल कंपनियां और अन्य कई बड़ी निजी कंपनियों को फायदा होने की संभावना है. बता दें कि अभी तक कंपनियों को अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने से पहले 15 फीसदी का डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है, लेकिन अब इसमें कंपनियों को राहत मिल गई है. 10 लाख रुपये तक के डिविडेंड पर निवेशकों को टैक्स से छूट मिलता है. यानी निवेशक को इस पर टैक्स नहीं देना पड़ता है. हालांकि डिविडेंड पाने वालों को अब उनके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ सकता है जिसकी दर 43 फीसदी तक पहुंच सकती है. मौजूदा समय में 10 लाख रुपये से ज्यादा के डिविडेंड के ऊपर 10 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
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अब तक क्या थे नियम
मौजूदा नियम के तहत निवेशकों को मिलने वाला डिविडेंड टैक्स से मुक्त होता है. हालांकि निवेशकों को डेट फंड के लिए 25 फीसदी की दर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (29.12 फीसदी सरचार्ज और सेस) अदा करना पड़ता है. वहीं इक्विटी फंड के लिए DDT 10 फीसदी (11.64 फीसदी सरचार्ज और सेस) है.
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