नई दिल्ली:
घर खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने होमबायर्स को राहत देने वाला फैसला लिया है. NCDRC ने कहा है कि बिल्डर्स को विलंबित परियोजनाओं के लिए ब्याज के साथ धन वापस करना चाहिए, जिस दर पर SBI जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक ने इसी अवधि के दौरान होम लोन दिया है. NCDRC ने कहा है कि बिल्डर्स को रिफंड लेने वाले होमबायर्स को मुआवजा और मुकदमेबाजी की लागत का भुगतान भी करना होगा.
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बता दें कि एस एम कांतिकर और दिनेश सिंह की बेंच ने कहा है कि इसे होम लोन के ब्याज दर के साथ जोड़ना उचित और तार्किक कहा था. दरअसल ब्याज दर के मुद्दे पर विभिन्न उपभोक्ता मंचों द्वारा दिए गए निर्णयों में एकरूपता के अभाव में इस बेंच ने यह फैसला लिया है.
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20 होम बायर्स की याचिका पर सुनाया फैसला
20 होम बायर्स की याचिका पर NCDRC ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल 2012 में मोहाली में वेव गार्डन हाउसिंग प्रोजेक्ट में इन्होंने करीब 10 करोड़ रुपये निवेश किया था. वहीं बिल्डर ने होम बायर्स को 2015 से पहले पजेशन देने का वादा किया था, लेकिन बिल्डर 7 साल में भी कंस्ट्रक्शन पूरा नहीं कर पाया.
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बिल्डर पर 5 लाख रुपये का जुर्माना
NCDRC ने बिल्डर को प्रत्येक होम बायर को 1 लाख रुपये मुआवजा और 1 लाख रुपये मुकदमेबाजी के खर्च का भी भुगतान करने का निर्देश दिया है. आयोग ने अनुचित व्यापार व्यवहार में लिप्त होने के लिए बिल्डर पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. आयोग ने बिल्डर को चार हफ्ते के भीतर पैसा जमा करने का निर्देश दिया है.
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