logo-image

सरकार इनकम टैक्स (Income Tax) पेयर्स को आयकर में दे सकती है बड़ी छूट

प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर कार्यबल की सिफारिशों पर अमल करते हुए कर की दरों (Income Tax) में कटौती की जाएगी. मध्य वर्ग को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से दरों में कटौती कर सकती है.

Updated on: 25 Sep 2019, 09:56 AM

नई दिल्ली:

कॉर्पोरेट के लिए बड़ी कर छूट की सौगात के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अब जल्द ही व्यक्तिगत आयकर (Income Tax) के लिए बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है, जिसके लिए कर के स्लैब में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी चल रही है. प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर कार्यबल की सिफारिशों पर अमल करते हुए कर की दरों में कटौती की जाएगी. मध्य वर्ग को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से दरों में कटौती कर सकती है. इस कदम से नौकरीपेशा वर्ग के लाखों लोगों को फायदा होगा, जिनका वेतन अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण काफी कम बढ़ा है या बिलकुल नहीं बढ़ा है.

यह भी पढ़ें: Rupee Open Today 25 Sep: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर, 7 पैसे गिरकर खुला भाव

पांच लाख रुपये तक की कमाई वालों को आयकर में दी जा सकती है पूरी तरह छूट
सिफारिशों के तहत पांच लाख रुपये तक की कमाई वालों को आयकर से पूरी तरह छूट दी जा सकती है. फिलहाल यह छूट 2.5 लाख रुपये तक की आय वालों को उपलब्ध है. अभी पांच लाख तक की आय कर मुक्त है लेकिन इससे अधिक होने पर कर की गणना ढाई लाख से होती है. पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये कमानेवालों के लिए कर की दर घटकर 10 फीसदी की जा सकती है. वहीं, 10 से 20 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को 20 फीसदी कर देना होगा.

यह भी पढ़ें: 2 अक्टूबर से बैन हो रहा है प्लास्टिक (Plastic), 1 लाख से शुरू करें ये बिजनेस होगी मोटी कमाई

कार्यबल की सिफारिशों में कहा गया है कि 20 लाख रुपये से दो करोड़ रुपये तक की आय पर 30 फीसदी और इससे अधिक आय पर 35 फीसदी आयकर लगाया जाना चाहिए. कार्यबल ने आयकर पर लगाए गए अभिभारों और उपकरों को हटाने का सुझाव दिया है.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today 25 Sep: आज सोने-चांदी में तेजी के संकेत, MCX पर कैसे बनाएं रणनीति, जानें एक्सपर्ट की राय

टैक्स कनेक्ट के पार्टनर और सह-संस्थापक विवेक जालान का कहना है, "मांग बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आए. इससे उनकी खरीद की क्षमता बढ़ेगी. वहीं, पीडब्ल्यूसी इंडिया के वरिष्ठ पार्टनर (टैक्स और रेगुलेटरी) राहुल गर्ग का कहना है, "व्यक्तिगत कर दरों में बदलाव की संभावना नहीं है. आम जनता के लिए पहले ही कर की दरें कम हैं.