Good News: होम इंश्योरेंस (Home Insurance) के जरिए करें अपने सपनों के घर की सिक्योरिटी
Home Insurance: आपने जिस घर को अपनी मेहनत की कमाई से खरीदा है उस पर बाढ़, भूकंप, चोरी, दंगा, इत्यादि जैसे जोखिमों का खतरा लगातार बना रहता है. इसलिए आपको अपने घर के लिए भी वह सबकुछ करना चाहिए जो आप अपने जीवन, कार आदि के लिए करते हैं.
नई दिल्ली:
Home Insurance: हर किसी की तमन्ना होती है कि उसका अपना एक छोटा और प्यारा सा घर हो. उस घर को बनाने के लिए व्यक्ति जी तोड़ मेहनत करता है और पाई-पाई जोड़कर एक घर बनाता है. वैसे बता दें कि देश में घर के लिए इतना बड़ा निवेश करने के बावजूद काफी लोग एक मामले में पीछे रह जाते हैं और वह है घर की सुरक्षा का. जी हां हम बात कर रहे हैं घर के इंश्योरेंस (Insurance) की. दरअसल, आपने जिस घर को अपनी मेहनत की कमाई से खरीदा है उस पर बाढ़, भूकंप, चोरी, दंगा, इत्यादि जैसे जोखिमों का खतरा लगातार बना रहता है. इसलिए आपको अपने घर के लिए भी वह सबकुछ करना चाहिए जो आप अपने जीवन, कार आदि के लिए करते हैं.
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मतलब ये कि आपको अपने घर की सुरक्षा के लिए भी इंश्योरेंस (Home Insurance Policy) जरूर लेना चाहिए. न्यूज़स्टेटडॉटकॉम (www.newsnationtv.com) ने होम इंश्योरेंस को लेकर हर उस बारीकी की पड़ताल करने की कोशिश की है जिसको लेकर आपके मन में सवाल पैदा हो सकते हैं. तो आइये होम इंश्योरेंस को सरल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं.
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आर्थिक नुकसान की भरपाई का काम करती है पॉलिसी
होम इंश्योरेंस पॉलिसी (Home Insurance Policy) आपकी प्रॉपर्टी से जुड़े जोखिमों को कम करने का काम करती है. इसके अलावा हर तरह के सूचीबद्ध नुकसान की आर्थिक भरपाई करने का भी काम करती है. बता दें कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी के 2 हिस्से होते हैं. पहले हिस्से में बिल्डिंग का इंश्योरेंस और दूसरे हिस्से में घर में मौजूद सामानों का इंश्योरेंस किया जाता है.
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कैसे तय होता है होम इंश्योरेंस पॉलिसी का कवरेज
होम इंश्योरेंस पॉलिसी का कवरेज हमेशा मकान की कीमत के आधार पर तय नहीं होता है. अधिकतम कवरेज का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जगह के आधार पर जमीन की लागत और रीकंस्ट्रक्शन की लागत का मूल्यांकन करने के बाद होता है. अधिक प्रीमियम अदा करने पर घर का ढांचा और घर के सामानों को भी कवर किया जा सकता है. लोकेशन, मकान का कंस्ट्रक्शन, घर की उम्र, वायरिंग, छत की मजबूती आदि के आधार पर प्रीमियम के पेमेंट पर असर पड़ता है.
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ग्राहकों को सही पॉलिसी का चुनाव करने के लिए अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी द्वारा ऑफर की जाने वाली पॉलिसी की तुलना जरूर करनी चाहिए. सबसे जरूरी और अहम बात ये है कि ग्राहक को इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो के साथ-साथ प्रोसेसिंग की स्पीड और प्रक्रिया पर भी जरूर गौर करना चाहिए.
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