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निजी कर्मचारियों का ज्यादा पेंशन पाने का टूट सकता है सपना, EPFO दे सकता है झटका

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहा है. गौरतलब है कि मौजूदा नियमों के तहत EPFO अंतिम सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देता है.

Updated on: 06 May 2019, 11:59 AM

highlights

  • EPFO की केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती की योजना
  • मौजूदा नियमों के तहत EPFO अंतिम सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देता है
  • केरल हाईकोर्ट ने EPFO को 15 हजार की सीमा खत्म करने का निर्देश दिया था

नई दिल्ली:

EPFO के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए बेहद निराशाजनक खबर आ रही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहा है. गौरतलब है कि मौजूदा नियमों के तहत EPFO अंतिम सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देता है. EPFO ने पेंशन की गणना के लिए 15,000 रुपये मासिक की बेसिक सैलरी लिमिट तय कर रखा है. केरल हाईकोर्ट ने EPFO को 15 हजार की सीमा को खत्म करने के साथ ही कर्मचारी की पूरी सैलरी के आधार पर पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया था.

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EPS में मासिक योगदान काफी कम - Monthly contribution to EPS is low
EPFO के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि EPS में मासिक योगदान काफी कम है. यही वजह है कि EPFO अधिक पेंशन का भार सहन नहीं कर पाएगा. उनका कहना है कि फंड की कमी की वजह से ही EPFO को न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने की योजना को स्थगित करना पड़ा था.

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EPS की रकम पर मासिक 1,250 रुपये की लिमिट तय - Monthly limit of Rs 1,250 on EPS
EPFO के अंतर्गत कर्मचारी को सैलरी का 12 फीसदी प्रॉविडेंट फंड (PF) और इतनी ही रकम नियोक्ता (कंपनी मालिक) को भी जमा करना पड़ता है. कर्मचारियों द्वारा 12 फीसदी के योगदान में से 8.33 फीसदी EPS (Employees' Pension Scheme) में चला जाता है. EPS की इस रकम पर मासिक 1,250 रुपये की लिमिट तय की गई है.

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