logo-image

एक ऐसा गांव जहां हर बेटी के नाम है फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

राजस्थान के राजसमंद जिले का गांव पिपलांत्री सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को पूरी तरह से साकार करता हुआ दिख रहा है. मौजूदा समय में इस गांव के हर व्यक्ति के पास रोजगार है. इसके अलावा गांव की हर बेटी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है.

Updated on: 18 Jul 2019, 10:26 AM

नई दिल्ली:

सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के जरिए देश में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने की कोशिश कर रही है. साथ ही महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान करने की भी कोशिश कर रही है. सरकार की इस योजना को महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है. बता दें कि राजस्थान के राजसमंद जिले का गांव पिपलांत्री सरकार की इस योजना को पूरी तरह से साकार करता हुआ दिख रहा है.

यह भी पढ़ें: Rupee Open Today: कच्चे तेल में गिरावट से भारतीय रुपया मजबूत, 5 पैसे बढ़कर खुला भाव

आदर्श ग्राम के रूप में चर्चित हुआ पिपलांत्री
दरअसल, 6 हजार की आबादी वाले इस गांव ने विश्वपटल पर महिलाओं की सुरक्षा और विकास को लेकर अपना परचम लहराया है. आज इस गांव की कामयाबी दुनियाभर के मंच पर गर्व के साथ सुनाई जाती है. मौजूदा समय में इस गांव के हर व्यक्ति के पास रोजगार है. इसके अलावा गांव की हर बेटी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है. आज पिपलांत्री को निर्मल ग्राम, स्वजल ग्राम, आदर्श ग्राम और पर्यटक ग्राम के रूप में जाना जाने लगा है.

यह भी पढ़ें: तुलसी (Tulsi) के बिजनेस में आजमाएं हाथ, बन जाएंगे लखपति

2005 से बदल गई गांव की सूरत
2005 से पिपलांत्री की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन आ गया. दरअसल, 2005 में गांव के एक युवा श्याम सुंदर पालीवाल गांव के सरपंच चुने गए. पालीवाल ने पानी की समस्या का सामना कर रहे गांव को उससे उबारने की ठान ली. उन्होंने गांव के बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए कई तालाब बनाए.

यह भी पढ़ें: Gold-Silver Price Outlook: गुरुवार को सोने और चांदी में खरीदारी करें या बिकवाली, जानें 3 बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल

साथ ही गांव में पौधारोपण शुरू किया और स्कूल की बिल्डिंग को ठीक कराया. देखते ही देखते गांव की तस्वीर बदल गई. मौजूदा समय में इस गांव में 25 हजार आंवले के पेड़ लगे हैं.