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शेयर बाजारों में जोरदार तेजी, सेंसेक्स 530 अंक उछलकर नई ऊंचाई पर

दूरसंचार, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में निवेशकों का जोरदार समर्थन दिखा. तीस शेयरों वाला बढ़त के साथ खुला और कारोबार के दौरान एक समय 40,931.71 के नए रिकार्ड स्तर तक चला गया था.

Updated on: 25 Nov 2019, 06:24 PM

मुंबई:

स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को जोरदार तेजी रही और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 530 अंक उछलकर 40,889.23 अंक की नई ऊंचाई पर बंद हुआ. अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद बढ़ने और वैश्विक बाजारों में तेजी के साथ ही सरकार के विनिवेश संबंधी निर्णयों से बाजार में उत्साह दिखा. इसके अलावा आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती के आसार बढ़ने से भी निवेशक धारणा को बल मिला.

स्थानीय बाजार में मुख्य रूप से दूरसंचार, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में निवेशकों का जोरदार समर्थन दिखा. तीस शेयरों वाला बढ़त के साथ खुला और कारोबार के दौरान एक समय 40,931.71 के नए रिकार्ड स्तर तक चला गया था. अंत में यह 529.82 अंक यानी 1.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 40,889.23 अंक पर बंद हुआ. यह सेंसेक्स का बंद के समय का अब तक का उच्चतम स्तर है. इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 159.35 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,073.75 अंक पर बंद हुआ. यह रिकार्ड ऊंचाई से कुछ ही नीचे बंद हुआ. धातु, एफएमसीजी (दैनिक उपयोग के सामान) समेत सभी खंडवार सूचकांक लाभ के साथ बंद हुए.

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सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में भारती एयरटेल रही. कंपनी का शेयर 7.20 प्रतिशत मजबूत हुआ. उसके बाद क्रमश: टाटा स्टील (4.99 प्रतिशत), इंडसइंड बैंक (3.49 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (3.26 प्रतिशत) तथा वेदांता लि. (2.57 प्रतिशत) का स्थान रहा. ओएनजीसी तथा येस बैंक को छोड़कर सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में तेजी रही. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ऐसे संकेत हैं कि अमेरिका तथा चीन अगले महीने व्यापार समझौते को निष्कर्ष पर पहुंचा सकते हैं.

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इससे वैश्विक स्तर पर धारणा को बल मिला...राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने के लिये विनिवेश के निर्णय से भी भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ा. इसके अलावा आरबीआई द्वारा आगामी मौद्रिक नीति बैठक में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से भी संबंधित शेयरों में तेजी आयी.’’ उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह बीपीसीएल, जहाजरानी निगम, और कॉनकार में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी.

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साथ ही चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने का फैसला किया. विश्लेषकों के अनुसार इसके अलावा एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) के भारत जैसे उभरते बाजारों को तरजीह देने से भी धारणा को बल मिला. एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई (चीन), हांगकांग, सियोल (दक्षिण कोरिया) और तोक्यो (जापान) के शेयर बाजारों में 1.50 प्रतिशत तक की तेजी रही. वहीं यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में बढ़त देखने को मिली.