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चुनावी नतीजों से पहले शेयर बाजारों में हाहाकार, सेंसेक्स 586 अंक गिरा

सेंसेक्स सुबह 9.45 बजे 586.87 अंकों की भारी गिरावट के साथ 35,086.38 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 174.65 अंकों की गिरावट के साथ 10,519.05 पर कारोबार करते देखे गए.

Updated on: 10 Dec 2018, 01:24 PM

मुंबई:

वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के साथ ही 5 राज्यों में हुए चुनाव के नतीजों के लेकर आशंकाओं और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते सोमवार को देश के शेयर बाजारों के सुबह के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में सुबह 600 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में 190 अंकों की गिरावट आई.

बाजार के विश्लेषकों के अनुसार, बैंकिंग, उपभोक्ता वस्तुओं, तेल एवं गैस, पूंजीगत वस्तुओं और ऑटोमोबाइल सेक्टरों में भारी बिकवाली के साथ ही विदेशी पूंजी के निरंतर बहिप्र्रवाह ने शेयर बाजारों में गिरावट को बल दिया है.

मुद्रा की बात करें तो, भारतीय रुपया कमजोर होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 71.39 रुपये पर आ गया. इससे पहले यह 70.81 पर बंद हुआ था.

दोपहर करीब 12.16 बजे प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 507.79 अंकों की गिरावट के साथ 35,165.46 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 151.70 अंकों की गिरावट के साथ 10,542.00 पर कारोबार करते देखे गए.

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले सुबह 468.59 अंकों की जबर्दस्त गिरावट के साथ 35204.66 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 185 अंकों की कमजोरी के साथ 10,508.70 पर खुला था.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रीटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, 'भारतीय बाजार अनुमान के मुताबिक गिरावट के साथ खुले. एक्जिट पोल के नकारात्मक प्रभाव के बावजूद हमारे बाजारों में वैश्विक बाजारों के अनुरूप ही तुलनात्मक गिरावट दर्ज की गई है, जिनमें अमेरिका-चीन के बीच तनाव के फिर से उभरने और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी के कारण गिरावट दर्ज की जा रही है.'

उन्होंने कहा, 'मंगलवार को चुनाव के वास्तविक नतीजे सामने आएंगे और अगर भाजपा एक्जिट पोल के अनुमान के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करती है तो हमें बाजारों में कुछ राहत देखने को मिल सकती है. हालांकि बाजार का नकारात्मक रुझान अभी कायम रह सकता है.'