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आरबीआई के फैसले, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले कारोबारी सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों और पिछले सप्ताह जारी हुए देश के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों समेत कई कारकों से तय होगी.

Updated on: 02 Jun 2019, 05:03 PM

highlights

  • आरबीआई की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक कल से होगी  
  • बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान 6.1 फीसदी रही
  • घरेलू शेयर बाजार में अगले सप्ताह कारोबारी रुझान कमजोर हो सकता है

नई दिल्ली:

घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले कारोबारी सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों और पिछले सप्ताह जारी हुए देश के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों समेत कई कारकों से तय होगी. वहीं, विदेशी बाजार के संकतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम का भी भारतीय शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा.

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चालू वित्तवर्ष 2019-20 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक सोमवार से शुरू हो रही है. इस बैठक के नतीजे गुरुवार को आएंगे, जिस पर शेयर बाजार की नजर होगी. वहीं, बीते वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की संवृद्धि दर घटकर 5.8 फीसदी पर आ गई, जो तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी थी. जीडीपी संवृद्धि दर पिछली 17 तिमाहियों में सबसे सुस्त रही है. देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट में अप्रैल के दौरान पिछले साल के मुकाबले 2.6 फीसदी की वृद्धि हुई.

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पिछले सप्ताह जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जो पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है. इन आंकड़ों से घरेलू शेयर बाजार में अगले सप्ताह कारोबारी रुझान कमजोर हो सकता है. हालांकि लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) की अगुवाई में राजग को मिले प्रचंड बहुमत के बाद देश में नवगठित सरकार से आर्थिक सुधार के मोर्चे पर काफी उम्मीदें हैं, जिसकी एक मिसाल मंत्रिमंडल की पहली बैठक में देखी गई.

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सरकार ने पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसके तहत सभी किसानों को शामिल कर लिया है जो अब इस योजना में मिलने वाली 6,000 रुपये सालाना आर्थिक सहायता की राशि के लाभार्थी होंगे. पहले इसके लिए दो हेक्टेयर जोत की जमीन वाले किसान ही पात्र थे, लेकिन अब ऐसी कोई सीमा-शर्त नहीं है.

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इसके अलावा विदेशी संकेतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव से बाजार को दिशा मिलेगी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी (DII) के रुझानों पर भी बाजार की नजर होगी. कारोबारी सप्ताह के दौरान सोमवार को मई महीने का निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा सोमवार को और निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई डाटा बुधवार को जारी होने की संभावना है. वहीं, देश की ऑटो कंपनियां पिछले महीने की अपनी बिक्री के आंकड़े जारी करेंगे.

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उधर, विदेशी मोर्चे पर चीन में मई महीने के लिए कैक्सीन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई डाटा सोमवार को जारी हो सकते हैं. जापान में भी मई महीने को निक्केई मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई डाटा सोमवार को ही जारी होंगे. इसी दिन अमेरिका में मार्केट मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई डाटा भी जारी होने की संभावना है. इसके अलावा, चीन द्वारा अमेरिका से आयातित 60 अरब मूल्य की वस्तुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि किए जाने से व्यापारिक तनाव की स्थिति और गहरा गई है. व्यापारिक तनाव की वहज से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी रहने की आशंका बनी हुई है.