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GST रजिस्ट्रेशन रद्द होने के डर से एक घंटे में एक लाख से ज्यादा भरे गए रिटर्न

सरकार ने अधिसूचना जारी की है कि गुरुवार से ईवे बिल जनरेट करने पर भी पाबंदी लगा दी जाएगी.

Updated on: 20 Nov 2019, 04:03 PM

highlights

  • एक घंटे के भीतर एक लाख से ज्यादा रिटर्न भरे गए
  • जीएसटी न भरने वाले कारोबारियों की बढ़ सकती थीं मुश्किलें
  • रिटर्न दाखिल न होने पर ईवे बिल जारी नहीं कर सकेंगे कारोबारी
  • रिटर्न न भरने वालों पर केंद्र ने दी थी कार्रवाई की अधिसूचना 

नई दिल्ली:

बुधवार को देश में जीएसटी रिटर्न भरने की तादात अचानक से बढ़ गई. एक घंटे के भीतर ही लगभग एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने जीएसटी रिटर्न फाइल कर दिया. आपको बता दें कि बुधवार को सरकार ने जानकारी दी कि जीएसटी न भरने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई में उनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द भी किया जा सकता है. सरकार की इस सूचना के बाद जीएसटी भरने वालों की संख्या में अचानक तेजी आ गई और बुधवार की सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच ही कुल 1,14991 GSTR 3B रिटर्न दाखिल कर दिए गए कुल मिलाकर अभी तक अक्टूबर के लिए 48.97लाख रिटर्न भर दिए गए हैं.  

सरकार ने टैक्स चोरों और नॉन फाईलर्स के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का आदेश दे दिया कि अगर वो 25 नवंबर तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरते हैं तो ऐसे लोगों का जीएसटी  रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. सरकार ने जीएसटी रिटर्न के अलावा ईवे बिल पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है. सरकार ने अधिसूचना जारी की है कि गुरुवार से ईवे बिल जनरेट करने पर भी पाबंदी लगा दी जाएगी. आपको बता दें कि इसके पहले कारोबारियों ने जीएसटी नेटवर्क धीमा होने का आरोप लगाते हुए जीएसटी रिटर्न भरने में देरी की वजह बताई थी. कारोबारियों ने जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि की बढ़ाने की मांग भी की थी.

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इसके पहले केंद्र सरकार ने 16 नवंबर को ही जीएसटी समय पर न भरने वाले कारोबारियों पर सख्ती करने की अधिसूचना जारी कर दी थी सरकार ने कहा था कि समय पर जीएसटी रिटर्न दाखिल न दाखिल करने वाले कारोबारियों पर सरकार कार्रवाई कर सकती है. अब लगातार दो बार रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारी अपना ई-वे बिल नहीं निकाल सकेंगे मीडिया के सूत्रों ये जानकारी पिछले सप्ताह ही हासिल हो गई थी कि वित्त मंत्रालय अगले हफ्ते इसको लेकर अधिसूचना जारी कर सकता है. आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को जून से लागू किया जाना था, लेकिन कारोबारियों की दिक्कतों के कारण सरकार इसे लगातार आगे बढाती जा रही थी. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले सप्ताह तक लगभग 22 लाख लोगों ने नहीं भरा था रिटर्न.

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