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भारत में तेल की कीमतों में आग लगने की आशंका बढ़ी, अमेरिका ने मदद से हाथ खींचे

अमेरिका का बयान, अमेरिका ईरान से तेल इंपोर्ट रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भारत को सस्ती दरों पर कच्चे तेल की बिक्री का भरोसा नहीं दे सकता है.

Updated on: 07 May 2019, 10:20 AM

highlights

  • अमेरिकी सस्ती दरों पर बिक्री का भरोसा नहीं दे सकता
  • भारत ने ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है
  • पिछले वित्त वर्ष में ईरान से भारत ने 240 लाख टन तेल खरीदा था

नई दिल्ली:

ईरान से ऑयल खरीद पर रोक के बीच अमेरिका से आई इस खबर ने भारत की उम्मीदों को जोरदार झटका दिया है. अमेरिका के बयान के बाद भारत में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है. बता दें कि अमेरिका ने ईरान से कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. वहीं अमेरिका की ओर से आए बयान ने आग में घी का काम कर दिया है.

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अमेरिकी सस्ती दरों पर बिक्री का भरोसा नहीं दे सकता
अमेरिका ने सोमवार को बयान दिया है कि अमेरिका ईरान से तेल इंपोर्ट रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भारत को सस्ती दरों पर कच्चे तेल की बिक्री का भरोसा नहीं दे सकता है. अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने कहा कि क्रूड ऑयल निजी क्षेत्र के हाथों में है. सरकार कंपनियों को सस्ते भाव पर बिक्री के लिए बाध्य नहीं कर सकती है.

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चीन के बाद भारत ईरान के क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार
गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के पूरी तरह खत्म होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान ऑयल इंपोर्टर्स को भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा सऊदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है. बता दें कि चीन के बाद भारत ईरान के क्रूड ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. पिछले वित्त वर्ष में ईरान से भारत ने 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा था. कच्चे तेल की यह मात्रा भारत की कुल जरूरत का 10 फीसदी है.

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