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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में नहीं हो पाएगी घपलेबाजी, ज्यादा लोगों को मिल पाएंगे घर, ये हैं कारण

सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-Pradhan Mantri Awas Yojana-PMAY (शहरी) के क्रियान्वयन की प्रभावी निगरानी के लिये एक विशेष इकाई बनाने का निर्णय लिया है.

Updated on: 25 Sep 2019, 01:09 PM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-Pradhan Mantri Awas Yojana-PMAY (शहरी) के क्रियान्वयन की प्रभावी निगरानी के लिये एक विशेष इकाई बनाने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 19 सितंबर को इस बारे में प्रस्ताव मंगाया गया था. इसके अनुसार कार्यक्रम प्रबंधन इकाई 2022 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्य के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना को मदद मुहैया कराएगी.

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2022 तक काम करेगी यह इकाई
एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने अनुभवी परामर्शदाता कंपनियों और एजेंसियों से कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के लिये लोग मुहैया कराने संबंधी प्रस्ताव मंगाया. इसके तहत कहा गया है कि संबंधित एजेंसी का पिछले तीन वित्त वर्ष में औसत वार्षिक टर्नओवर नौ करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए. सरकार का प्रस्ताव अप्रैल 2020 तक इस इकाई का गठन करने का है. यह इकाई 2022 तक काम करेगी.

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PMAY-CLSS को 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया
सरकार ने PMAY के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) को 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया है. PMAY के तहत पहला घर बनाने या खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) पर ब्याज सब्सिडी मिलती है. होम लोन (Home Loan) के ब्याज पर 2.60 लाख रुपये का फायदा कमजोर आय वर्ग के लोग उठा सकते हैं. 31 दिसंबर 2017 को सीएलएसएस (CLSS) 12 महीने के लिए शुरू की गई थी. इसके तहत मकान की प्राप्ति या निर्माण कराने के लिए बैंकों, होम लोन कंपनियों और अन्‍य ऐसी अधिसूचित कंपनियों से ऋण लेने वाले लाभार्थियों को शामिल किया गया था. (इनपुट पीटीआई)