logo-image

पीएम किसान योजना में मिलने वाली राशि को दोगुना करे मोदी सरकार, पी चिदंबरम ने दिया सुझाव

चिदंबरम ने सरकार के सामने कुछ सुझाव भी दिए हैं. जिससे किसानों, मनरेगा, गरीबों के हाथ में पैसा देकर उन्हें राहत दिया जा सकता है.

Updated on: 25 Mar 2020, 03:34 PM

दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के द्वारा 21 दिनों की राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद कई ट्वीट कर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने कहा कि सही चीज यह है कि सभी नागरिक इस फैसले का समर्थन करें चाहे कितनी भी परेशानियां आए. हालांकि, चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को ध्यान से सुना और उनकी भावना राहत, निराशा, चिंता और भय आदि से ओतप्रोत थी. उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा था की प्रधानमंत्री वित्तीय पैकज घोषित करने की त्वरित जरूरत को समझेंगे और गरीबों, दैनिक वेतनभोगियों, कृषि मजदूरों और स्व: रोजगार करने वाले आदि की जेब में नकदी डालेंगे.

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था की टूट जाएगी कमर, इन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

पीएम द्वारा घोषित 15,000 करोड़ रुपये का क्या है अर्थ

उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि पीएम द्वारा घोषित 15,000 करोड़ रुपये का क्या मतलब है? आर्थिक परिणामों के प्रबंधन के लिए सरकार को अगले 4-6 महीनों में 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. सही बात यह है कि हर नागरिक को लॉकडाउन का समर्थन करे चाहे जितने भी कठिनाई हो. पीएम की घोषणा ने एक अंतराल को छोड़ दिया है. अगले 21 दिनों तक गरीबों को नकदी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी किसकी है. इसके अलावा वादा किए गए वित्तीय पैकेज को पूरा करने के लिए 4 दिन और समय क्यों लग रहा है? हमारे पास 4 घंटे में पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है. उन्होंने लिखा कि पैकेज के साथ ही अन्य समस्याएं भी हैं जिनका समाधान किया जाना जरूरी है. मतलब कि 1 अप्रैल से किसान अपनी फसल कैसे काटेंगे?

यह भी पढ़ें: 9,00,00,00,00,00,000 रुपये ले डूबेगा कोरोना वायरस का लॉकडाउन

चिदंबरम ने सरकार के सामने कुछ सुझाव भी दिए हैं. जिससे किसानों, मनरेगा, गरीबों के हाथ में पैसा देकर उन्हें राहत दिया जा सकता है. इसके तहत पीएम किसान (PM Kisan) के तहत किसानों को मिलने वाले रकम को दोगुनी की जा सकती है. पीएम किसान योजना के तहत ठेके पर काम करने वाले किसानों को भी लाया जाए. मनरेगा के श्रमिकों के अकाउंट में 3 हजार रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं. शहरी गरीबों के जनधन खातों में 6 हजार रुपये की रकम ट्रांसफर की जाए. उन्होंने कर भुगतान की तारीखों को बदलना, अप्रत्यक्ष करों में कटौती, खास रूप से कुछ जीएसटी दरों में बदलाव के भी सुझाव दिए हैं. चिदंबरम ने मुफ्त में 10 किलो चावल या गेहूं देने का भी सुझाव दिया है. (इनपुट भाषा)