GST को लेकर मोदी सरकार को राहत, दिसंबर में भी 1 लाख करोड़ से अधिक रहा जीएसटी कलेक्शन
GST को लेकर मोदी सरकार को राहत, दिसंबर में 1 लाख करोड़ से अधिक रहा जीएसटी कलेक्शन
नई दिल्ली:
नए साल यानी 1 जनवरी को वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) से एकत्रित राजस्व के आंकड़ें जारी किए हैं. वित्त मंत्रालय ने बताया कि दिसंबर में कुल 1 लाख तीन हजार 1 सौ 84 करोड़ रुपये कलेक्ट किए गए हैं. जिसमें सेंट्रल जीएसटी (Central GST) 19 हजार 9 सौ 62 करोड़ है. स्टेट जीएसटी (State GST) 26 हजार 792 करोड़ है. वहीं इंटीग्रेटेड जीएसटी (Integrated GST) 48 हजार 99 करोड़ रुपये हैं. सेस (Cess) 8 हजार 3 सौ 31 करोड़ रुपये कलेक्ट किए गए हैं.
Ministry of Finance: Gross Goods and Services Tax (GST) revenue collected in month of December, 2019 is Rs 1,03,184 crore of which Central GST is Rs 19,962 crore, State GST is Rs 26,792 crore, Integrated GST is Rs 48,099 crore & Cess is Rs 8,331 crore.
— ANI (@ANI) January 1, 2020
जारी आंकड़े के अनुसार लगातार दूसरे महीने में दिसंबर की जीएसटी वसूली एक लाख करोड़ के पार पहुंच गई है. कुल जीएसटी वसूली दिसंबर में 103184 करोड़ दर्ज की गई है. घरेलू वसूली में 16 फीसदी (MoM) की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. हालांकि, बजट में तय लक्ष्य से पीछे रही जीएसटी की वसूली. वित्तिय वर्ष में प्रति महीने 1.1 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा गया है. वहीं आखिरी महीने में 1 लाख 25 हज़ार करोड़ वसूली का दबाव है.
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वहीं इससे पहले राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के लिये उपकर से प्राप्त राशि में चालू वित्त वर्ष के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी रहने की आशंका के बीच अधिकारियों की एक समिति ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के बारे में सुझाव दिये थे. जिनमें विभिन्न पक्षों से प्राप्त सुझाव भी शामिल किए गये थे. इनमें जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की संख्या कम करने और कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने के सुझाव भी शामिल थे. केन्द्र और राज्यों के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई इस समिति का गठन जीएसटी की समीक्षा के लिये किया गया था. समिति को इस दौरान विभिन्न संबद्ध पक्षों से भी कई सिफारिशें और सुझाव प्राप्त हुये थे.
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इनमें शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनींदा आधार पर कर लगाने के सुझाव भी शामिल थे. इस समिति ने 18 दिसंबर को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में रिपोर्ट में दिये गये सुझावों और सिफारिशों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया था. इसमें जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिये छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची कम करने का सुझाव दिया गया था. मांस, मछली, अंडा, शहद, दूध उत्पाद, सब्जियां, फल और सूखे मेवे सहित कुछ उत्पादों को जीएसटी से छूट प्राप्त है. सूत्रों ने बताया था कि इसके साथ ही समिति ने कुछ वस्तुओं को पांच प्रतिशत की दर से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और मोबाइल फोन जैसे कुछ सामानों को 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की श्रेणी में लाने का भी सुझाव दिया था. समिति ने जीएसटी परिषद को यह भी सुझाव दिया कि उसे कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दर को 18 से बढ़ाकर वापस 28 प्रतिशत के दायरे में लाने पर भी विचार करना चाहिये.
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