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अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आ सकता है एलआईसी(LIC) का आईपीओ

सूचीबद्धता के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत होगी. एलआईसी को सूचीबद्ध कराने के लिए कुछ विधायी बदलावों की भी जरूरत होगी.

Updated on: 02 Feb 2020, 02:06 PM

highlights

  • LIC को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध कराया जा सकता है.
  • एलआईसी को सूचीबद्ध कराने के लिए कुछ विधायी बदलावों की भी जरूरत होगी.
  • मंगलवार को विरोध में हड़ताल पर रहेंगे जीवन बीमा निगम के कर्मचारी.

नई दिल्ली:

बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध कराया जा सकता है. वित्त सचिव राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को 2020-21 का बजट (Budget 2020) पेश करते हुए घोषणा की कि अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाया जाएगा. कुमार ने कहा कि सूचीबद्धता के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत होगी. एलआईसी को सूचीबद्ध कराने के लिए कुछ विधायी बदलावों की भी जरूरत होगी.

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10 प्रतिशत बिक सकती है हिस्सेदारी
उन्होंने कहा, 'हम सूचीबद्ध की प्रक्रिया का पालन करेंगे. विधि मंत्रालय के साथ विचार विमर्श में जरूरी विधायी बदलाव किए जाएंगे. इसकी प्रक्रिया हमने पहले ही शुरू कर दी है. अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्धता की बात तर्कसंगत लगती है.' उन्होंने पीटीआई से कहा कि एलआईसी की सूचीबद्धता से अधिक पारदर्शिता आएगी और सार्वजनिक भागीदारी बढ़ेगी. यह पूछे जाने पर कि एलआईसी की कितनी हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी, कुमार ने कहा कि यह दस प्रतिशत हो सकती है. हालांकि, अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है.

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एलआईसी के कर्मचारी मंगलवार को करेंगे हड़ताल
गौरतलब है कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार की मंशा एलआईसी और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने की है. भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के उस बजटीय प्रस्ताव के खिलाफ चार फरवरी को एक घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे, जिसमें उन्होंने एलआईसी में सरकार की एक हिस्सेदारी बेचने की बात कही है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है.