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औद्योगिक उत्पादन, महंगाई, वैश्विक रुख से तय होगी शेयर मार्केट की चाल, विश्लेषकों का दावा

वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका-मैक्सिको-चीन व्यापार युद्ध चिंता और इस महीने के अंत में ओपेक की प्रस्तावित बैठक से पहले कच्चे तेल के दाम में तेजी पर भी निवेशकों की निगाह होगी.

Updated on: 10 Jun 2019, 11:50 AM

highlights

  • औद्योगिक उत्पादन, महंगाई, US-चीन ट्रेड वॉर और क्रूड इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करेंगे
  • उम्मीद है कि सरकर निजी निवेश को बढ़ाने के लिये सुधारों को गति देगी: जियोजीत फाइनेंशियल
  • इस महीने के अंत में ओपेक की प्रस्तावित बैठक से पहले कच्चे तेल की तेजी पर निवेशकों की नजर

नई दिल्ली:

औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के आंकड़ों के साथ अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव और तेल के दाम इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने अपने रिसर्च में यह अनुमान लगाया है. पिछले हफ्ते गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी चिंता को लेकर शेयर बाजारों पर असर दिखा था. निवेशकों की नजर इस पर भी बनी रहेगी.

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मॉनसून से भी तय होगी बाजार की चाल
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आने वाले समय में शेयर बाजार में कारोबार की चाल महंगाई और औद्योगिक उत्पादन जैसे प्रमुख वृहत आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी. मॉनसून का प्रसार कैसे होता है, इस पर भी नजर होगी. अब बाजार का ध्यान अगले महीने पेश होने वाले बजट पर होगा और उम्मीद है कि सरकर निजी निवेश को बढ़ाने के लिये सुधारों को गति देगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका-मेक्सिको-चीन व्यापार युद्ध चिंता और इस महीने के अंत में ओपेक की प्रस्तावित बैठक से पहले कच्चे तेल के दाम में तेजी पर निवेशकों की निगाह होगी.

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औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा और मुद्रास्फीति दर की घोषणा बुधवार को किए जाने की संभावना है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति आंकड़ा बाजार बंद होने के बाद शुक्रवार को आएगा. एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि इस हफ्ते हमारा ध्यान मुद्रास्फीति के आंकड़े पर होगा. बाजार की दिशा अब व्यापार युद्ध, रुपये की विनिमय दर और कच्चे तेल के दाम जैसे वैश्विक संकतकों से तय होगी.

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इस बीच रिजर्व बैंक ने दबाव वाली संपत्ति के मुद्दे के समाधान को लेकर शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित संशोधित परिपत्र जारी किया. इसमें अन्य प्रावधानों के अलावा बैंकों को ऋण भुगतान में चूक के मामलों को 30 दिन के अंदर चिह्नित कर उसके समाधान की प्रक्रिया शुरू करनी होगी.

जी 20 बैठक और आम बजट पर निवेशकों की नजर
नदीम ने कहा कि यह नई 30 दिन की मोहलत कर्ज लेनेवालों को थोड़ी राहत उपलब्ध कराएगी. इस प्रावधान से चीजें काफी स्पष्ट हुई हैं. बैंक अब फंसे को कर्ज को चिन्हित कर सकेंगे और खातों पर गौर कर सकेंगे और उसके समाधान के लिये ठोस कदम उठा सकेंगे. कोटक सिक्युरिटीज के उपाध्यक्ष (पीसीजी शोधन) संजीव जारबादे ने कहा कि निवेशकों की फेडरल रिजर्व की बैठक, जी 20 बैठक और अगले महीने पेश होने वाले बजट पर निवेशकों की नजर रहेगी.