logo-image

नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से शेयर मार्केट के निवेशकों पर होगा बड़ा असर

केंद्र सरकार ने बतौर FPI (फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर) निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को सरचार्ज में राहत नहीं देने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय द्वारा फाइनेंस बिल को लेकर पेश किए गए संशोधन में सरचार्ज के नियमों में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.

Updated on: 19 Jul 2019, 01:31 PM

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के इस फैसले से शेयर मार्केट के निवेशकों पर बड़ा असर पड़ने जा रहा है. सरकार के फैसले से निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बतौर FPI (फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर) निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को सरचार्ज में राहत नहीं देने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय द्वारा फाइनेंस बिल को लेकर पेश किए गए संशोधन में सरचार्ज के नियमों में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.

यह भी पढ़ें: अगर आप SBI के ग्राहक हैं तो ये खबर सिर्फ आपके लिए ही है, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

निवेशकों पर पड़ेगा बड़ा असर
जानकारों के मुताबिक सरचार्ज के नियमों में बदलाव नहीं होने से विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश अब फायदे का सौदा नहीं रहेगा. उनका कहना है कि अब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली बढ़ा सकते हैं. उनकी बिकवाली बढ़ने की वजह से भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका बरकरार है. जानकार फिलहाल छोटे निवेशकों को शेयर बाजार से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) के बजाय सरकारी बॉन्ड्स वाले म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें: नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, 2.5 लाख गांव तक पहुंचेगा सस्ता इंटरनेट

जुलाई में अभी तक 4,120 करोड़ रुपये निकाले
FPI पर सरचार्ज की घोषणा के बाद जुलाई में अबतक विदेशी निवेशक 4,120 करोड़ रुपये शेयर बाजार से निकाल चुके हैं. बता दें कि फाइनेंस बिल को लेकर पेश किए गए संशोधन में शेयर बायबैक के नियमों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें: YES Bank के फाउंडर का लगा 7 हजार करोड़ रुपये का झटका, जानें क्यों

बजट में सरचार्ज में की गई थी बढ़ोतरी
बजट में 2-5 करोड़ रुपये के बीच आय वाले लोगों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किया गया था. 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक की सालाना आय वाले लोगों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 37 फीसदी किया गया था.