साइरस मिस्त्री को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने NCLT के आदेश पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT-एनसीएलएटी) के आदेश पर रोक लगा दी.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT-एनसीएलएटी) के आदेश पर रोक लगा दी. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे ने कहा कि एनसीएलएटी ने उस प्रार्थना को अनुमति दे दी, जिसका अनुरोध ही नहीं किया गया था. शीर्ष अदालत में याचिका के लंबित रहने के दौरान मिस्त्री ने एक बयान में कहा था कि वह टाटा संस की अध्यक्षता में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.
यह भी पढ़ें : इंटरनेट को लेकर SC का फैसला मोदी सरकार के लिए 2020 का पहला बड़ा झटका: कांग्रेस
टाटा समूह और मिस्त्री के बीच की लड़ाई में नया मोड़ तब आया था, जब साइरस मिस्त्री ने कहा कि वह न तो टाटा संस का चेयरमैन (अध्यक्ष) बनेंगे और न टाटा समूह की किसी कंपनी का निदेशक बनेंगे. उन्होंने कहा था कि लेकिन वह एक माइनॉरिटी शेयरहोल्डर के रूप में तथा टाटा संस के बोर्ड में एक सीट के शापूरजी पालोनजी समूह के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विकल्प आजमाएंगे.
शीर्ष न्यायालय टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस याचिका में साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती दी गई थी. इस मामले को बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया. प्रधान न्यायाधीश के अलावा इसमें न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे.
यह भी पढ़ें : JNU से 3000 कंडोम ढूंढ निकाला पर छात्र नजीब अहमद को नहीं ढूंढ पाई दिल्ली पुलिस: कन्हैया कुमार
टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के 18 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें इसने मिस्त्री के पक्ष में अपना फैसला देते हुए साइरस को पुन: टीएसपीएल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का निर्णय दिया था. टाटा ने अपनी याचिका में कहा कि यह आदेश कॉरपोरेट डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) को कमजोर करने के साथ-साथ निदेशक मंडल के अधिकारों को भी कमजोर करता है.
इससे पहले मिस्त्री ने कहा था, "फैलाई गई गलत सूचनाओं को स्पष्ट करने के लिए मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनसीएलटी का आदेश मेरे पक्ष में भले ही आया है, लेकिन मैं टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन नहीं बनना चाहूंगा, मैं टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसिस या टाटा इंडस्ट्रीज का निदेशक भी नहीं बनना चाहूंगा."
यह भी पढ़ें : विमान गिराने के चौतरफा आरोपों के बाद ईरान ने कहा, खुफिया सूचनाएं साझा करें देश
उन्होंने एक बयान में कहा था, "लेकिन मैं एक माइनॉरिटी शेयरहोल्टर के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विकल्प आजमाऊंगा, जिसमें टाटा संस के बोर्ड में एक सीट हासिल करना और टाटा संस में सर्वोच्च स्तर का कॉरपोरेट शासन और पारदर्शिता लाना शामिल है."
हालांकि, उन्होंने कॉरपोरेट डेमोक्रेसी में "सहायक क्रूरतावाद का समर्थन करने" के लिए टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा पर निशाना साधा था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें ये 5 बड़ी बातें
-
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण 2024 किन राशि वालों के लिए होगा लकी
-
Bhavishya Puran Predictions: भविष्य पुराण के अनुसार साल 2024 की बड़ी भविष्यवाणियां