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बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद का बड़ा फैसला, क्या होगा ग्राहकों पर असर

पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) द्वारा रुचि सोया (Ruchi Soya) का प्रस्तावित अधिग्रहण अंतिम चरण में पहुंच गया है. कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स या कर्जदाताओं की कमेटी (COC) ने प्रस्तावित डील को मंजूरी दे दी है

Updated on: 12 Apr 2019, 12:53 PM

नई दिल्ली:

बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) ने बड़ा फैसला किया है. पतंजलि आयुर्वेद खाद्य तेल और सोयाबीन से जुड़े उत्पाद बनाने वाली कंपनी रुचि सोया (Ruchi Soya) को खरीदने की कोशिश में हैं. बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद द्वारा रुचि सोया का प्रस्तावित अधिग्रहण अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स या कर्जदाताओं की कमेटी (COC) ने प्रस्तावित डील को मंजूरी दे दी है. डील से जुड़े 2 अधिकारियों ने यह सूचना दी है. जानकारी के मुताबिक यह सौदा अप्रैल में पूरा हो जाने की संभावना है. इस डील के पूरा हो जाने के बाद ग्राहकों को पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों के साथ रुचि सोया के उत्पाद भी पतंजलि स्टोर पर मिलने के अलावा देशभर के आउटलेट्स पर मिलने लगेंगे.

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पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने मंगलवार को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की हुई मीटिंग की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने मीटिंग से जुड़े मुद्दों पर बयान देने से इनकार कर दिया है. रुचि सोया ने भी इस पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं दी है. बता दें कि पिछले महीने बाबा रामदेव ने रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए अपनी बोली को बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये कर दिया था. अदानी विल्मार ने भी इस डील के लिए 4,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.

अदानी विल्मार ने भी लगाई थी बोली

पतंजलि के द्वारा लगाई गई बोली 4350 करोड़ रुपये में से 115 करोड़ रुपये कंपनी के शेयर के रूप में आएंगे, जबकि 4,235 करोड़ रुपये कंपनी के कर्जदाताओं (Creditors) में बांट दिए जाएंगे. बता दें कि सरकारी कंपनी आईडीबीआई बैंक और एसबीआई का रुचि सोया के ऊपर सबसे ज्यादा कर्ज है. अदानी विल्मार ने दिवालिया रुचि सोया को खरीदने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन दिवालिया प्रक्रिया में देरी की वजह से कंपनी पीछे हट गई थी. सूत्रों के मुताबिक पतंजलि कर्जदाताओं को 4350 करोड़ रुपये बांटने की पूरी जानकारी कुछ दिन में साझा करेगी. अप्रैल के तीसरे हफ्ते में फंड आपस में बांटने को लेकर कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की दोबारा मीटिंग होगी. बता दें कि रुचि सोया पर करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. स्टैंडर्ट चार्टर्ड बैंक और DBS बैंक की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद रुचि सोया को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के पास भेजा गया था.

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मौजूदा समय में रुचि सोया के पास न्यूट्रीला, महाकोष तेल, सनरिच आदि ब्रांड्स हैं. कंपनी के देशभर में 20 से ज्यादा प्लांट हैं. साथ ही 11.50 लाख रिटेल आउटलेट के जरिए कंपनी के प्रोडक्ट की बिक्री होती है. इस डील के पूरा हो जाने के बाद पतंजलि आयुर्वेद 14 फीसदी मार्केट शेयर के साथ देश की दूसरी बड़ी खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी बन जाएगी. 19 फीसदी मार्केट शेयर के साथ अदानी विल्मार पहले नबंर पर काबिज है.

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