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आर्सेलरमित्तल (ArcelorMittal) के भारतीय बाजार में एंट्री से नई खोज को बढ़ावा मिलेगा, स्टील इंडस्ट्री का बयान

जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि हम आर्सेलरमित्तल को चुनौती की तरह नहीं देखते हैं.

Updated on: 21 Nov 2019, 03:38 PM

दिल्ली:

दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल (ArcelorMittal) के भारतीय बाजार में प्रवेश करने से बाजार में नवोन्मेष, गुणवत्ता और शोध एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. घरेलू इस्पात कंपनियों ने यह राय जताई है. भारतीय इस्पात संघ (ISA) के इस्पात सम्मेलन में घरेलू इस्पात कंपनियों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि हम आर्सेलरमित्तल को चुनौती की तरह नहीं देखते हैं.

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आर्सेलरमित्तल के प्रवेश को सकारात्मक कदम के तौर पर देखते हैं: जिंदल स्टील

उन्होंने कहा कि बाजार में जितनी अधिक कंपनियां होंगी उतना अधिक शोध एवं विकास गतिविधियों, नवोन्मेष और गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा. जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा कि हम उनके प्रवेश (आर्सेलरमित्तल) को एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखते हैं. टाटा स्टील के मुख्य वित्त अधिकारी कौशिक चटर्जी ने भी कहा कि इससे बाजार में और प्रतिस्पर्धा आएगी.

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथारिटी आफ इंडिया लि. (सेल) के चेयरमैन ए. के. चौधरी ने इसे बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाला कदम बताया. पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय ने आर्सेलरमित्तल की 42,000 करोड़ रुपये में कर्ज में डूबी एस्सार स्टील को खरीदने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी और इस संबंध में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के 4 जुलाई के आदेश को खारिज कर दिया। इसके बाद आर्सेलरमित्तल का भारतीय बाजार में प्रवेश पक्का हो गया है.