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गोल्ड ऑप्शंस (Gold Options) क्या है, निवेश कैसे शुरू करें, जानिए पूरा प्रोसेस

Gold Options: ऑप्शंस में निवेश के जरिए अपने रिस्क को सीमित किया जा सकता है और अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.

Updated on: 06 Dec 2019, 10:42 AM

नई दिल्ली:

Gold Options: ज्यादातर निवेशक या ट्रेडर कम जोखिम (Low Risk) के साथ ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की इच्छा रखते हैं. ऐसे लोगों के लिए ऑप्शंस (Options) से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. दरअसल, ऑप्शंस में निवेश के जरिए अपने रिस्क को सीमित किया जा सकता है और अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. इस रिपोर्ट में हम ऑप्शंस की बारीकियों को समझने की कोशिश करेंगे.

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कैसे कर सकते हैं गोल्ड ऑप्शंस में ट्रेडिंग
कमोडिटी ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले जरूरी यह है कि आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. अगर आपके पास अकाउंट पहले से हैं तो ब्रोकर्स को बोलकर ऑप्शंस की ट्रेडिंग के लिए एक्टिव करा सकते हैं. निवेशक ऑनलाइन और ऑफलाइन के जरिए ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर सकता है.

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बेहद कम पैसे में कर सकते हैं ट्रेड
ऑप्शंस वायदा कारोबार के तहत आने वाला एक अनोखा प्रोडक्ट है. इसमें ट्रेडिंग के जरिए जोखिम कम होने के साथ ही असीमित मुनाफा कमाया जा सकता है. मान लीजिए कि आप ऑप्शंस के खरीदार हैं तो बेहद कम प्रीमियम चुकाकर पूरा कॉन्ट्रैक्ट उठा सकते हैं. मतलब यह हुआ कि आपका जोखिम आपके द्वारा जमा किया गया प्रीमियम ही है और मुनाफा अनलिमिटेड हो सकता है. हालांकि बिकवाल होने की स्थिति में जोखिम असीमित और मुनाफा सीमित हो जाता है.

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उदाहरण से समझें ऑप्शंस
अगर कोई निवेशक गोल्ड ऑप्शंस के कॉन्ट्रै्क्ट में 38,000 रुपये की स्ट्राइक वाली कॉल खरीदता है और अगर उस स्ट्राइस का प्रीमियम 100 रुपये है तो 10 हजार रुपये चुकाना पड़ता है. दरअसल, लॉट साइज गुणा प्रीमियम प्राइस निवेशक को ऑप्शंस खरीदने पर भुगतान करना पड़ता है. इस कॉल ऑप्शंस को खरीदारी करने पर तेजी पर निवेशक को फायदा मिलेगा और अगर पुट ऑप्शंस खरीदते हैं तो गिरावट पर लाभ मिलेगा.

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वहीं कॉल ऑप्शंस को बेचने वाले कॉल राइटर्स को गिरावट पर फायदा मिलता है और पुट ऑप्शंस को बेचने वाले पुट राइटर्स को तेजी पर फायदा मिलता है. बता दें कि कॉल राइट करने वालों की कमाई सिर्फ प्रीमियम होती है लेकिन उनका नुकसान असीमित होता है.