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ज्वैलरी इंडस्ट्री (Jewellery Industry) पर भी मंदी का साया, पैदा हो सकता है रोजगार संकट, GJC का बड़ा बयान

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (All India Gem And Jewellery Domestic Council-GJC) ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी और GST कम करने की मांग की है.

Updated on: 10 Sep 2019, 10:23 AM

नई दिल्ली:

Gold Price Today: ज्वैलरी इंडस्ट्री (Jewellery Industry) ‘मंदी’ के दौर से गुजर रहा है. मंदी की वजह से कुशल कारीगरों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (All India Gem And Jewellery Domestic Council) ने यह बड़ा बयान दिया है. GJC ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग भी की है.

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कमजोर मांग से ज्वैलरी इंडस्ट्री में मंदी: शंकर सेन
बता दें कि आम बजट 2019-20 में आयातित सोने (Gold) पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था. वहीं ज्वैलरी पर माल एवं सेवा कर (GST) की दर तीन फीसदी तय की गई है. पूर्ववर्ती मूल्य वर्धित कर (वैट) प्रणाली में यह एक फीसदी थी. परिषद के वाइस चेयरमैन शंकर सेन के मुताबिक कमजोर मांग से आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे हजारों कुशल कारीगरों का रोजगार छिनने का अंदेशा पैदा हो गया है.

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इंपोर्ट ड्यूटी, GST घटाने की मांग
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में बढ़ोतरी और GST की मौजूदा दर से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो रही है क्योंकि इससे आभूषणों की कीमतों में इजाफा हुआ है. सेन का कहना है कि हमारी मांग है कि सीमा शुल्क की दर को 12.5 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जाए. जीएसटी की दर को भी एक फीसदी पर लाया जाए. उन्होंने कहा कि ऊंचे सीमा शुल्क की वजह से सोने की तस्करी भी बढ़ी है.

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बता दें कि दुनियाभर में आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) के हालात हैं. एक ओर जहां ज्यादातर शेयर बाजार धराशायी हो रहे हैं, वहीं निवेशक अब सुरक्षित निवेश के लिए सोने (Gold) की ओर रुख कर रहे हैं. वैश्विक बाजार में अस्थिरता होने की वजह से सोना घरेलू और विदेशी बाजार में नए रिकॉर्ड बना रहा है. (इनपुट पीटीआई)