logo-image

जानिए क्यों RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैंकों से कहा मुस्तैद रहने का समय आ गया है

रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (GDP Growth) वृद्धि वर्ष की दूसरी तिमाही में छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

Updated on: 12 Dec 2019, 10:04 AM

मुंबई:

रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को बैंकों से कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां उनके समक्ष कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती है इसलिये बैंकों को पूरी मुस्तैदी के साथ इनका मुकाबला करने के लिये तैयार रहना चाहिए. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks) के प्रमुखों के साथ बातचीत में दास ने इस बात पर भी गौर किया कि बैंकिंग क्षेत्र (Banking Sector) में सुधार आ रहा है और यह मजबूत बना हुआ है.

यह भी पढ़ें: आम आदमी को राहत, दिल्ली में पिछले हफ्ते से 23 फीसदी घट गए प्याज के दाम

आर्थिक चुनौतियों के बावजूद क्षेत्र में मजबूती
रिजर्व बैंक गवर्नर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (GDP Growth) वृद्धि वर्ष की दूसरी तिमाही में छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है. रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे देखते हुये चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी कम करके पांच प्रतिशत कर दिया है. रिजर्व बैंक की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गवर्नर ने इस बात पर गौर किया है कि बैंकिंग क्षेत्र में कुछ सुधार आया है और मौजूदा आर्थिक स्थिति में कुछ चुनौतियां खड़ी होने की आशंका के बावजूद क्षेत्र में मजबूती बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today 12 Dec: आज बढ़ सकते हैं सोना-चांदी के भाव, जानिए बेहतरीन ट्रेडिंग टिप्स

उन्होंने बैंकों से कहा कि वह उभरती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये पूरी तरह से मुस्तैद रहें. इस मामले में उन्होंने खासतौर से दबाव वाली संपत्तियों के समाधान में समन्वित तरीके से काम करने को कहा. दास ने इस दौरान बैंक प्रमुखों के साथ मौद्रिक नीति दर में की गई कटौती का लाभ आखिरी लाभार्थी तक पहुंचाने पर भी विचार विमर्श किया. यहां यह गौर करने की बात है कि रिजर्व बैंक ने इस साल पांच द्विमासिक समीक्षाओं में कुल मिलाकर 1.35 प्रतिशत कटौती की है हालांकि केंद्रीय बैंक ने गत सप्ताह की गई समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था.

यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today: जानिए कहां मिल रहा है सस्ता पेट्रोल, 2 दिन बाद कीमतों में आई नरमी

जीडीपी वृद्धि की धीमी दर से चिंतित नहीं: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि ‘‘जो कुछ चीजें’’ हो रही हैं उनके अपने प्रभाव होंगे. संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे मुखर्जी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने में कुछ भी गलत नहीं है. भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में जीडीपी वृद्धि की धीमी दर को लेकर मैं चिंतित नहीं हूं. कुछ चीजें हो रही हैं जिनके अपने प्रभाव होंगे.

यह भी पढ़ें: ADB ने 2020 के लिए भारत का GDP ग्रोथ अनुमान घटाकर 5.1 फीसदी किया

उन्होंने कहा कि 2008 में आर्थिक संकट के दौरान भारतीय बैंकों ने लचीलापन दिखाया था. उन्होंने कहा कि तब मैं वित्त मंत्री था. सार्वजनिक क्षेत्र के एक भी बैंक ने धन के लिए मुझसे संपर्क नहीं किया. मुखर्जी ने कहा कि अब सार्वजनिक क्षेत्र को बड़े पैमाने पर पूंजी की जरूरत है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वार्ता जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में डाटा की शुचिता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. मुखर्जी ने कहा कि डाटा की शुचिता बनाए रखी जानी चाहिए. अन्यथा इसका खतरनाक प्रभाव होगा.