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मोदी सरकार को अब GST में भी लगा बड़ा झटका, अगस्त में एक लाख करोड़ से कम हुआ कलेक्शन

मोदी सरकार को एक बार फिर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है.

Updated on: 01 Sep 2019, 06:19 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार को एक बार फिर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. अगस्त में जीएसटी कलेक्शन फिर 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा है. राजस्व विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में कुल 98,202 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है.

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राजस्व विभाग का कहना है कि पिछले महीने में जीएसटी के जरिये कुल 98,202 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि केवल इंपोर्ट से मिली है. जीएसटी में केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा होता है. इस हिसाब से ये राशि केंद्र और राज्य में बंटेगी.

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आंकड़ों के अनुसार, कुल जीएसटी कलेक्शन 98,202 करोड़ रुपये में से 17,733 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र सरकार की है, जबकि 24,239 करोड़ राशि राज्यों को मिली है, जबकि 48,958 करोड़ रुपये आईजीएसटी से मिले हैं. वहीं, जुलाई से लेकर 31 अगस्त 2019 तक कुल 75.80 लाख लोगों ने जीएसटीआर 3बी के तहत रिटर्न भरा है. जिससे केंद्र सरकार को करीब 40 हजार करोड़ रुपये राजस्व मिला है.

पिछले अगस्त की तुलना में 4.51 फीसदी का हुआ इजाफा

मालूम हो कि वस्तुओं और सेवा के ऊपर लगने वाले टैक्स के दो हिस्से होते हैं, जिनमें से एक हिस्सा केंद्र और दूसरा राज्य सरकार के पास जाता है. इससे पहले पिछले साल अगस्त महीने में कुल 93,960 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था. पिछले साल के अगस्त की तुलना में इस साल जीएसटी कलेक्शन में 4.51 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. गौरतलब है कि जुलाई 2019 में यह राशि 1,02,083 करोड़ रुपये रही थी. जून में यह राशि 99,939 करोड़ रुपये रही थी. इस तरह से जून और जुलाई की तुलना में अगस्त में गिरावट दर्ज की गई है.

GDP में आई गिरावट

सीएसओ ने शुक्रवार को कहा था कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 से घटकर 5 तक जा पहुंची है. पिछले साल इस तिमाही में देश का ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी था, जबकि साल 2019-20 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में जीडीपी 5% रहा. इससे पहले की तिमाही जनवरी-मार्च में 5.8% था. कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट हुई है. कृषि विकास दर घटकर 2 फीसदी पहुंची तो वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में विकास दर 12.2 से घटकर 0.6 तक जा पहुंची है.