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महीने में सिर्फ एक बार GST रिटर्न भरना होगा, सुशील मोदी का बड़ा बयान

​​माल एवं सेवा कर (GST) रिटर्न दायर करने की नई प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा.

Updated on: 30 Jun 2019, 09:22 AM

highlights

  • नए सिस्टम में कारोबारियों को अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा
  • जीएसटी परिषद ने नए फार्मेट के तहत रिटर्न भरने के लिए 1 अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया
  • बड़े करदाताओं को साल में 12 रिटर्न, जबकि छोटे करदाताओं को साल में सिर्फ चार रिटर्न भरने होंगे

बेंगलुरू:

माल एवं सेवा कर (GST) रिटर्न दायर करने की नई प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसकी जानकारी दी है. बता दें कि सुशील मोदी जीएसटी क्रियान्वयन के बाद राजस्व में आई कमी पर विचार करने के लिये गठित मंत्रियों के समूह के प्रमुख हैं.

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1 अक्टूबर से शुरू होगा नया फार्मेट
उन्होंने नई प्रणाली को जीएसटी-2 बताते हुए कहा कि जीएसटी परिषद ने इस नए फार्मेट के तहत रिटर्न भरने के लिए इस साल एक अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि नई प्रणाली को अमल में लाने की समय सीमा छोटे करदाताओं के लिये एक जनवरी 2020 और पांच करोड़ रुपये से अधिक कर देने वाले बड़े करदाताओं के लिये एक अक्टूबर 2019 है.

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छोटे कर दाताओं को मिलेगा फायदा
उन्होंने कहा कि नई प्रणाली के तहत रिटर्न भरने का नमूना सोमवार से उपलब्ध हो जाएगा. मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि नये फॉर्म सहज और सुगम को व्यापारियों के विभिन्न वर्ग के लिये विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि एक जुलाई को जीएसटी क्रियान्वयन के दो साल पूरे हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्य जोर प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने, अनुपालन तथा कर चोरी पर रोक लगाने के तरीकों पर रहेगा.

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मोदी ने जीएसटी-2 के बारे में बताया कि जब जीएसटी को डिजाइन किया गया, रिटर्न के तीन फॉर्मेट थे और एक व्यापारी को महीने में 36 रिटर्न भरने होते थे. इसके अलावा अन्य रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट भी होते थे. नई प्रणाली में सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी और महीने में सिर्फ एक बार रिटर्न भरना होगा. उन्होंने कहा कि बड़े करदाताओं को साल में 12 रिटर्न भरना होगा, जबकि छोटे करदाताओं को साल में सिर्फ चार रिटर्न भरने होंगे.

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ऑनलाइन रिफंड का क्रियान्वयन सितंबर 2019 तक करेंगे
मोदी ने कहा कि 'कंपनियों को एक ही स्रोत से रिफंड मिलेगा और पूरी तरह से ऑनलाइन रिफंड का क्रियान्वयन सितंबर 2019 तक कर लिया जाएगा. हमने यही समयसीमा तय की है. कर चोरी रोकने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिये ई-वे बिल में नये फीचर जोड़े जाएंगे. उन्होंने कहा, 'ई-इनवॉइसिंग के जरिये ई-वे बिल तैयार होगा और स्वत: रिटर्न दायर हो जाएगा. यह कर चोरी को रोकने के लिये महत्वपूर्ण जरिया बनेगा.