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RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक ने महंगाई का अनुमान बढ़ाया, दूध, दालों की बढ़ सकती हैं कीमतें

RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक ने कहा कि आने वाले समय में मुद्रास्फीति पर खाद्य मुद्रास्फीति, कच्चे तेल की कीमतों और सेवाओं की लागत जैसे कई कारकों का असर होगा.

Updated on: 06 Feb 2020, 02:23 PM

मुंबई:

RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल जारी रहने के बीच दूध व दालों के भाव बढ़ने की आशंका को देखते हुये बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया. रिजर्व बैंक ने कहा कि आने वाले समय में मुद्रास्फीति पर खाद्य मुद्रास्फीति, कच्चे तेल की कीमतों और सेवाओं की लागत जैसे कई कारकों का असर होगा.

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प्याज की कीमतों में नरमी की संभावना
रिजर्व बैंक (RBI) ने खाद्य मुद्रास्फीति को लेकर कहा है कि दिसंबर के उच्च स्तर की तुलना में इसमें नरमी आने का अनुमान है. खरीफ की देरी से आने वाली फसल तथा रबी फसल की आवक के कारण प्याज की कीमतें सुधर रही हैं, अत: चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी अधिक स्पष्ट दिखेगी. केंद्रीय बैंक ने एक तरफ पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक तनावों तथा दूसरी तरफ अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण कच्चा तेल में उथल-पुथल बने रहने की आशंका व्यक्त की. उसने कहा कि हालिया महीनों में सेवा लागत में वृद्धि देखने को मिली है.

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रिजर्व बैंक ने इस बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है. उसने कहा कि इन कारकों को ध्यान में रखते हुए तथा 2020-21 में उत्तरी-पश्चिमी मानसून के सामान्य रहने के अनुमान के मद्देनजर खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 2019-20 की मार्च तिमाही में 6.5 प्रतिशत, 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में 5.4-5 प्रतिशत और 2020-21 की तीसरी तिमाही में 3.2 प्रतिशत किया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि सब्जियों को छोड़ अन्य खाद्य पदार्थों विशेषकर लागत बढ़ने से दूध की कीमतें तथा खरीफ उत्पादन कम रहने से दालों के दाम बढ़ते रहने का अनुमान है.