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RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरें 0.25 फीसदी घटाई, होमलोन की EMI होगी सस्ती

Credit Policy: RBI ने रेपो रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.75 फीसदी से घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया है.

Updated on: 07 Jun 2019, 07:48 AM

highlights

  • रिजर्व बैंक ने अप्रैल और फरवरी में भी की थी कटौती
  • दिसंबर में उर्जिल पटेल की जगह शक्‍तिकांत दास बने थे गवर्नर
  • अब बैंकों को नई दर पर मिलेंगे RBI से रुपये 

नई दिल्ली:

RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है. RBI ने रेपो रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.75 फीसदी से घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया है. मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) 6.25 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल और फरवरी में भी ब्याज दरों में कटौती की थी.

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्तिकांत दास ने RBI गवर्नर का पदभार संभाला था. रिजर्व बैंक ने FY20 GDP ग्रोथ अनुमान 7.2% से घटाकर 7% कर दिया है.

सामान्य रहेगा मॉनसून: रिजर्व बैंक
रिजर्व बैंक को लगता है कि मॉनसून सामान्य रहेगा. महंगाई का लक्ष्य रिजर्व बैंक ने 3 से 3.1 फीसदी रखा है. वहीं 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए बैंक ने महंगाई का लक्ष्य 3.4 फीसदी से 3.7 फीसदी रखा है.

ब्याज दरें घटने पर उपभोक्ताओं को मिलती है राहत

ब्याज दरें घटाने का मतलब है कि अब बैंक जब भी RBI से फंड लेंगे, उन्हें नई दर पर पैसा मिलेगा. सस्ती दर पर बैंकों को मिलने वाले फंड का फायदा बैंक उपभोक्ताओं को भी देंगे. सस्ती कर्ज और सस्ती EMI के जरिए उपभोक्ताओं को फायदा मिलता है. जब भी रेपो रेट (Repo Rate) घटता है तो कर्ज लेना सस्ता हो जाता है. साथ ही जो कर्ज फ्लोटिंग हैं उसकी EMI भी कम जाती है.

ग्राहकों पर क्या होगा असर

  • आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा
  • ब्‍याज दर कम होने की स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है
  • इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्‍यादा राहत मिलेगी
  • जिन ग्राहकों के कर्ज MCLR से जुड़े हैं, उनकी EMI कम हो जाएगी. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि बैंक MCLR में कटौती करें. इसका फायदा तभी शुरू होगा जब लोन की रीसेट डेट आएगी
  • जिन ग्राहकों के कर्ज बेस रेट या बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) से जुड़े हैं, उन्हें होम लोन को MCLR आधारित व्यवस्था में स्विच कराने पर विचार करना चाहिए
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जो लोग पात्र हैं, वे भी लोन लेने के बारे में विचार कर सकते हैं. स्कीम में लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है. सरकार ने स्कीम की समयसीमा 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दी है