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जीडीपी आंकड़ो पर खुश हुआ उद्योग जगत, सरकार ने कहा नीतियों पर मुहर

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रहने का श्रेय केंद्र सरकार की नीतियों को दिया है।

Updated on: 30 Nov 2017, 11:44 PM

नई दिल्ली:

भारतीय कारोबारी जगत ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आंकड़ों से आर्थिक सुधार का संकेत मिलता है।

वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रहने का श्रेय केंद्र सरकार की नीतियों को दिया है। 

फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, 'वृद्धि दर के आंकड़े उम्मीद के अनुरूप हैं और एक बार फिर पुष्टि करते हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।'

पटेल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की अगले हफ्ते होनेवाली मौद्रिक समीक्षा 'अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने का बिल्कुल सटीक समय है।'

डेलाइट इंडिया के प्रमुख अर्थशास्त्री अनिस चक्रवर्ती ने कहा कि अर्थव्यवस्था के नवीनतम आंकड़े विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन को दिखलाते हैं, जो इस साल एक जुलाई को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने से प्रभावित हुआ था। 

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चक्रवर्ती ने कहा, 'वाहनों की बिक्री जैसे प्रमुख संकेतकों से मांग में तेजी लौटने के संकेत पहले ही मिल गए थे और आनेवाली तिमाहियों में विनिर्माण क्षेत्र में और तेजी देखने को मिलेगी।'

वहीं अरुण जेटली ने ट्विटर पर लिखा, 'सरकार द्वारा आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ावा देने के लिए किए गए सुधार काम कर रहे हैं। इसी का असर है कि दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सात फीसदी और सेवा क्षेत्र में 7.1 फीसदी की वृद्धि दर देखने को मिली है।'

उन्होंने कहा, 'कुल निश्चित पूंजी निर्माण में पहली तिमाही में 1.6 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई थी, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 4.7 फीसदी हो गई।'

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आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र में आई तेजी के कारण देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 6.3 फीसदी रही, जबकि पिछली पांच तिमाहियों से इसमें गिरावट दर्ज की जा रही थी।

क्रमिक आधार पर, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर बढ़कर 6.3 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 5.7 फीसदी पर थी। 

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्गत परिवर्तनकारी सुधार का फल तेज विकास दर और सबके लिए समृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है। जीडीपी की तिमाही विकास दर बढ़कर 6.3 फीसदी हो गई, जोकि पिछली तिमाही में 5.7 फीसदी थी।'

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वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्व मजबूत हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों का फायदा भविष्य में भी जीडीपी की बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेगा।'

सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी प्रभु के सुर में सुर मिलाया।

उन्होंने कहा, 'भारत की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में बढ़ कर 6.3 फीसदी रही। यह मजबूत बुनियादी तत्वों के साथ मिलकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था के शानदार भविष्य का वादा करता है। भारत को अब रोका नहीं जा सकता।'

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विकास दर के लिए मोदी की प्रशंसा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, 'आज के जीडीपी आंकड़े यह दोहराते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकता।'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, 'जीएसटी जैसे ऐतिहासिक निर्णय की आलोचना करनेवालों के लिए यह एक बड़ा झटका है। शानदार खबर कि जीडीपी की तिमाही विकास दर 5.7 फीसदी से बढ़कर 6.3 फीसदी हो गई।'

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने ट्वीट किया, 'खुश हूं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर बढ़कर 6.3 फीसदी रही है। लेकिन यह उम्मीद से कम है।'

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उन्होंने कहा, "यह पिछली पांच तिमाहियों से हो रही गिरावट की प्रवृत्ति में 'विराम' है। लेकिन हम यह नहीं कह सकते है कि अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति का संकेत है। हमें किसी निश्चित निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए अगली 3-4 तिमाहियों की विकास दर के आंकड़ों का इंतजार करना चाहिए।"

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "6.3 फीसदी की दर मोदी सरकार के 'वादे' से बहुत कम है और सुप्रबंधित भारतीय अर्थव्यवस्था की 'क्षमता' से बहुत ज्यादा कम है।"

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