वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनावपूर्ण माहौल से समाधान निकालने में मुश्किल, RBI गवर्नर का बयान
विकसित अर्थव्यवस्थाओं का कर्ज एक समूह के रूप में सकल घरेलू उत्पाद का 100 फीसदी से ज्यादा हो गया है. कई उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में राजकोषीय घाटा अभी भी बना हुआ है.
नई दिल्ली:
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कई अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक टकराव और सीमित नीतियां और कर्ज उच्च स्तर पर हैं. विकसित अर्थव्यवस्थाओं का कर्ज एक समूह के रूप में सकल घरेलू उत्पाद का 100 फीसदी से ज्यादा हो गया है. कई उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में राजकोषीय घाटा अभी भी बना हुआ है.
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Shaktikanta Das,RBI Governor at launch of book on 'India’s Relations with International Monetary Fund,'in Delhi y'day: Solutions are turning difficult to come by as global economy seems to be moving into new&unsettling phase in environment of stressed trade negotiations...(1/2) pic.twitter.com/AdmxYw8ljK
— ANI (@ANI) July 27, 2019
अनिश्चितदौर में जा रही है वैश्विक अर्थव्यवस्था
दिल्ली में 'इंडियाज रिलेशन विद इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड' किताब के लॉन्चिंग के मौके पर शक्तिकांता दास ने यह बातें कही हैं. उन्होंने इस मौके पर कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था नए और तनावपूर्ण व्यापार वार्ताओं के अनिश्चितदौर में जा रही है. ऐसे में समाधान ढूंढने में मूशिकल हो रही है.
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आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार में नरमी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच दुनियाभर में नरमी के प्रभावों को कम करने के लिए मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में करीबी समन्वय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दुनियाभर में वित्तीय क्षेत्र में सहयोग में कमी आई है. दुनिया के विकसित देशों में कम ब्याज दर की नीति को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौती करार दिया है.
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