logo-image

आरबीआई बोर्ड ने सरकार के लिए खोला खजाना, केंद्र को देगी 1,76,051 करोड़ रुपये

पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच सरप्लस रकम को लेकर तल्खी भी हुई थी

Updated on: 27 Aug 2019, 10:34 AM

highlights

  • RBI बोर्ड ने स्वीकार की जालान कमेटी की सिफारिशें
  • आरबीआई सरकार को देगी सरप्लस रकम 
  • RBI के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति

नई दिल्‍ली:

आरबीआई बोर्ड ने जालान कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक आरबीआई बोर्ड ने सरप्लस रकम को ट्रांसफर करने की जालान कमिटी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. अब भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार को साल 2018-2019 में 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा. इस रकम में 1,23,414 करोड़ रुपये सरप्लस रकम है. आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच सरप्लस रकम को लेकर तल्खी भी हुई थी.

यह भी पढ़ें- गौतम गंभीर ने अरुण जेटली के लिए दिल्ली के एल जी से की यह मांग

इसके पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि और इसके लाभांश का सरकार को हस्तांरण किए जाने के संबंध में सिफारिश की गई थी. वित्तवर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने आरबीआई से 9,000 करोड़ रुपये लाभांश का अनुमान लगाया था. जालान समिति ने शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि के अधिशेष का हस्तांतरण सरकार को पूर्वनिर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तीन से पांच साल में चरणबद्ध तरीके से किए जाने की सिफारिश की गई थी. 

यह भी पढ़ें- भारत सरकार को मिलने जा रहे हैं लाखों करोड़ रुपये, RBI ले सकता है बड़ा फैसला

जालान समिति का गठन यह सुझाव देने के लिए किया गया था कि आरबीआई को कितनी आरक्षित निधि रखनी चाहिए और कितने का हस्तांतरण सरकार को किया जाना चाहिए. आरबीआई जुलाई-जून वित्तवर्ष का अनुसरण करता है और सालाना खाते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद लाभांश का वितरण अक्सर अगस्त में किया जाता है. अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र सुस्ती के हालात से जूझ रहे हैं इसलिए सरकार सार्वनिक निवेश बनाने और वित्तपोषण के अंतर को पाटन के लिए आरबीआई के लाभांश और अधिशेष प्राप्त करने की राह देख रही है.