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गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऋण गारंटी योजना के तहत मिलेंगे 20,000 करोड़ रुपये

बजट में एक लाख करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना का प्रस्ताव किया गया.

Updated on: 12 Nov 2019, 08:19 AM

मुंबई:

वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि सरकार आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत नकदी संकट से जूझ रही गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को 20,000 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर करने की प्रक्रिया में है. इस योजना की घोषणा बजट में की गयी थी. बजट में एक लाख करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना का प्रस्ताव किया गया.

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इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी कंपनियों के उच्च रेटिंग वाली एकत्रित संपत्तियों (बकाया ऋणों को खरीदेंगे). इनमें आवास वित्त कंपनियां द्वारा दिए गए कर्ज भी शामिल हैं. इसके तहत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक बारगी 10 प्रतिशत तक नुकसान की भरपाई की छह महीने के लिये गारंटी देगी. एनबीएफसी के सामने इस समय नकद धन की तंगी है. इस स्थिति में उनकी मदद के लिए यह योजना घोषित की गयी है.

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कुमार ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया के 101वें स्थापना दिवस के मौके पर अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा कि हमने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के कोष की मंजूरी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के नियम तय किए जा रहे हैं. इसके तय होते ही योजना शुरू कर दी जाएगी.