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मोदी सरकार के मंत्री अब गीता गोपीनाथ पर हमला करेंगे, चिदंबरम ने किया कटाक्ष

पी चिदंबरम ने कहा, भारत की आर्थिक विकास दर को कम किए जाने के अनुमान को लेकर मंगलवार को सरकार पर कटाक्ष किया कि अब हमें आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (IMF Chief Economist Gita Gopinath) पर मंत्रियों के हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.

Updated on: 21 Jan 2020, 01:56 PM

दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (Congress Leader P. Chidambaram) ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF-आईएमएफ) की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर को कम किए जाने के अनुमान को लेकर मंगलवार को सरकार पर कटाक्ष किया कि अब हमें आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (IMF Chief Economist Gita Gopinath) पर मंत्रियों के हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी. मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रियलिटी चेक. 2019-20 में वृद्धि दर पांच फीसदी से कम 4.8 फीसदी होगी. कुछ कदमों के बाद भी विकास दर 4.8 फीसदी है. अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा.’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Congress Leader Kapil Sibbal) ने कहा, ‘‘आईएमएफ ने भारत की जीडीपी विकास दर के अनुमान को घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. उसका कहना है कि इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. पूरे देश में लोगों का विरोध प्रदर्शन से यह दिखता है कि मोदी जी और अमित शाह भारतीय लोकतंत्र पर बोझ हैं.’’

दरअसल, आईएमएफ ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को संशोधित किया. इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया. आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत, 2020 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी.

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मुद्राकोष ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम करके 2019 के लिये 4.8 प्रतिशत कर दिया है. उसने 2020 और 2021 में इसके क्रमश: 5.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.