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2022 तक 52.68 अरब डॉलर का होगा मीडिया और मनोरंजन उद्योग

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और लीडर (मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र) फ्रैंक डिसूजा ने कहा,

Updated on: 27 Jan 2019, 01:53 PM

नई दिल्ली:

भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग की सीएजीआर (चक्रवृद्धि सालाना विकास दर) साल 2022 तक 11.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो साल 2017 के 30.36 अरब डॉलर से बढ़कर 2022 तक 52.68 अरब डॉलर का हो जाएगा. इसमें मुख्य रूप से लोगों को बढ़ती खर्च योग्य आय और नई प्रौद्योगिकी का योगदान होगा, जिसके कारण हर तरह के कंटेट का उपभोग बढ़ेगा, चाहे वह सिनेमा हो, टेलीविजन हो या ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सेवाएं. एसोचैम-पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन में रविवार को यह जानकारी दी गई.

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'वीडियो ऑन डिमांड : एंटरटेनमेंट रिइमैजिन्ड' रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय मनोरंजन और मीडिया उद्योग में टेलीविजन, सिनेमा और ओटीटी साल 2017 से 2022 की अवधि में भारतीय मनोरंजन और मीडिया उद्योग का 46 फीसदी हिस्सा होगा. पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और लीडर (मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र) फ्रैंक डिसूजा ने कहा, "वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) बाजार दुनिया भर में विकसित हुआ है, जिसमें पिछले एक दशक में भारत भी शामिल है. क्षेत्रीय और गुणवत्तापूर्ण सामग्री, विशिष्ट और वैयक्तिक 'यूजर अनुभव' के साथ प्रौद्योगिकी की मदद से मुहैया कराया जाता है, जो किसी भी वीओडी सेवा प्रदाता के लिए सफलता का मुख्य आधार बनने के लिए निर्धारित है. मीडिया उद्योग के पारंपरिक और रुढ़िवादी खिलाड़ी एक तरफ हैं और ओटीटी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनियां दूसरी तरफ हैं."

उन्होंने कहा, "एक तरफ मीडिया उद्योग के पारंपरिक और रुढ़िवादी खिलाड़ी और दूसरी ओर ओटीटी खिलाड़ी भारत में एक साथ उपस्थित रहेंगे और आने वाले सालों में प्रभावशाली वृद्धि हासिल करेंगे."

संयुक्त अध्ययन में कहा गया कि वीडियो ऑन डिमांड की ग्राहकी (एसवीओडी) और ट्रांजेक्शनल वीडियो ऑन डिमांड (टीवीओडी) का कारोबार संयुक्त रूप से 2017 में 29.66 करोड़ डॉलर (19.32 अरब रुपये) रहा, जो 2022 में 22.6 फीसदी सीएजीआर से बढ़कर 82.32 करोड़ डॉलर (53.63 अरब रुपये) का हो जायेगा, जिसमें एसवीओडी की प्रमुख हिस्सेदारी होगी. वैश्विक स्तर पर, 2017-2022 अवधि में ओटीटी बाजार का सीएजीआर 10.1 फीसदी होगा. इसकी अवधि में भारत में इस खंड का कारोबार 22.6 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ेगा और 2017 के 29.7 करोड़ डॉलर (19.32 अरब रुपये) से बढ़कर 2022 में 82.3 करोड़ डॉलर (53.63 अरब रुपये) हो जाएगा.

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मोबाइल वीडियो विज्ञापन (एवीओडी) भारत के इंटरनेट विज्ञापन बाजार का सबसे तेजी से बढ़नेवाला उपखंड होगा, जिसकी सीएजीआर दर साल 2017 से 2022 तक 32.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2022 तक बढ़कर 31.7 करोड़ डॉलर (20.64 अरब रुपये)हो जाएगा. भारत में डेटा उपभोग 2017 में 7,167.10 अरब एमबी रहा, जो 2022 में बढ़कर 1,09,658.79 अरब एमबी हो जाएगी, जिसकी सीएजीआर दर 72.6 फीसदी रहेगी. इस दौरान डेटा टैरिफ में काफी कमी आएगी और देश में स्मार्टफोन की पैठ में तेजी होगी.

रिपोर्ट में बताया गया कि देश का प्रति व्यक्ति मीडिया और मनोरंजन खर्च 2021 तक बढ़कर 32 डॉलर (2,080 रुपये) हो जाएगा, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2,560 डॉलर (1,66,400 रुपये) होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि 2021 में चीन में प्रति व्यक्ति मीडिया और मनोरंजन पर खर्च 222 डॉलर (14,430 रुपये) और अमेरिका में 2,260 डॉलर (1,46,900 रुपये) रहने का अनुमान है.