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पाकिस्तान को लगा एक और बड़ा झटका, हुआ इतिहास का सबसे बड़ा घाटा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते एक साल में पाकिस्तान का वित्तीय घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान का वित्तीय घाटा GDP का 8.9 फीसदी हो गया है.

Updated on: 28 Aug 2019, 03:36 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) का कार्यकाल 1 साल पूरा हो गया है. वहीं दूसरी पाकिस्तान की इकोनॉमी भी चरमरा गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते एक साल में पाकिस्तान का वित्तीय घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान का वित्तीय घाटा GDP का 8.9 फीसदी हो गया है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के इतिहास में यह अबतक का सबसे अधिक वित्तीय घाटा है. वित्तीय घाटा बढ़ने का मतलब है कि सरकार का खर्च बढ़ गया है और आय कम हो गई है.

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राहत पैकेज की समीक्षा करेगा IMF
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक IMF पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज की समीक्षा करने जा रहा है. ऐसे में पाकिस्तान के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं. बता दें कि IMF ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान के सामने कई कड़ी शर्तें रखी थीं. वहीं जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार फिलहाल IMF के शर्तों पर खरी उतरती नहीं दिख रही है. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान का वित्तीय घाटा GDP का 8.9 फीसदी यानि 3.45 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के स्तर तक पहुंच गया है. बता दें कि पिछले साल पाकिस्तान का वित्तीय घाटा 6.6 फीसदी था.

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बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने बजट घाटा GDP का 5.6 फीसदी तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया था. वहीं वित्त मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो सरकार का बजट घाटा तय किए गए लक्ष्य से 82 फीसदी तक बढ़ गया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी अधिक खर्च किया है. वहीं इस साल राजस्व आय में भी 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.

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क्या होता है वित्तीय घाटा
वित्तीय घाटा साधारण भाषा में समझें तो सरकार की जितनी आय होती है उससे ज्यादा खर्च किया जाता है. यानि आय कम और अधिक खर्च. हालांकि कोई भी सरकार कर्ज, विदेशी निवेशकों से फंड जुटाकर, बॉन्ड और सिक्योरिटीज जारी करके वित्तीय घाटे को कम करने की कोशिश करती है.