logo-image

भारत से दुश्मनी पड़ी पाकिस्तान को महंगी, इस कारण से कंगाल देश में मचा हाहाकार

पाकिस्तान सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के दौरान पाकिस्तान में महंगाई (Inflation) 87 महीने (7 साल से ज्यादा) की ऊंचाई पर पहुंच गई है.

Updated on: 06 Sep 2019, 12:08 PM

नई दिल्ली:

कंगाल पाकिस्तान (Kangaal Pakistan) के आर्थिक हालात काफी खराब हो चुके हैं. पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) कीमतें आसमान पर हैं. इसके अलावा अब वहां की जनता को खाने पीने की चीजों के भी लाले पड़ गए हैं. मौजूदा समय में पाकिस्तान में खाने पीने की चीजों के दामों में आग लग गई है. पाकिस्तान सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के दौरान पाकिस्तान में महंगाई (Inflation) 87 महीने (7 साल से ज्यादा) की ऊंचाई पर पहुंच गई है. ताजा हालात में पाकिस्तान में महंगाई दर 11.6 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है.

यह भी पढ़ें: सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission): अब यहां महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को लेकर हुआ ये बड़ा फैसला

पाकिस्तान रुपये में गिरावट, IMF की शर्तों को मानने से बढ़ी महंगाई
जानकारों के मुताबिक पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट और IMF की शर्तों को मानने की वजह से महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने भी महंगाई में और बढ़ोतरी की आशंका जताई है. बता दें कि पिछले साल इमरान खान के सत्ता में आने के समय भिखारी पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल का दाम क्रमश: 95.24 रुपये और 112.94 रुपये प्रति लीटर था, लेकिन मौजूदा समय में पेट्रोल 100 रुपये के पार 117.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 132.47 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है.

यह भी पढ़ें: सिर्फ 10 सेकेंड में आपके मोबाइल पर आ जाएगी प्रॉविडेंट फंड (PF) की सारी जानकारी

खाद्य तेल और दालों की कीमतों में लगी आग
पाकिस्तान में आम आदमी के लिए पेट भरना भी मुश्किल होता जा रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में खाने के तेल का दाम 180-200 रुपये से बढ़कर 200-220 रुपये प्रति किलो हो गया है. वहीं दूसरी ओर दालों की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है. मूंग, अरहर और मसूर दाल की कीमतें जहां 90 रुपये से 100 रुपये प्रति किलो के दायरे में थीं. वहीं अब इनका भाव 150 रुपये से 180 रुपये प्रति किलो हो गया है.

यह भी पढ़ें: आम आदमी को लग सकता है बड़ा झटका, बढ़ सकते हैं चीनी (Sugar) के दाम, जानें क्यों

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक 2019 और 2020 में पाकिस्तान की GDP की ग्रोथ रेट 3 फीसदी से कम रहने का अनुमान है. बता दें कि आतंकवादी संगठनों को होने वाली फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था. वहीं एशिया पैसिफिक समूह (APG) से भी पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट हो चुका है. अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ब्लैकलिस्ट होने की वजह से पाकिस्तान के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.