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सिंगल यूज प्लास्टिक पर अभी भी पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी सरकार, जानिए क्या है वजह

सरकार प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक बैग, प्लेट, छोटे बोतल, स्ट्रॉ और कुछ चुनिंदा प्रकार के प्लास्टिक पैकेट्स पर तुरंत रोक नहीं लगा रही है.

Updated on: 02 Oct 2019, 03:26 PM

highlights

  • सिंगल यूज प्लास्टिक पर सरकार का नया कदम
  • पूरी तरह से बैन नहीं होगा सिंगल यूज प्लास्टिक
  • गांधी जी की 150वीं जयंती पर प्लास्टिक बैन का हुआ था ऐलान

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने इस 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती पर सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर बैन लगाने का ऐलान किया था. हम आपको बता दें कि अब सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा पाएगी ऐसा इसलिये है क्योंकि पहले सरकार का प्लान था कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक के छह आइटम्स पर प्रतिबंध लगाएगी लेकिन इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को एक और झटका लग सकता है जो कि पहले से ही लगातार कमजोर होती दिखाई दे रही है. अर्थव्यवस्था में लगातार आ रही सुस्ती और कर्मचारियों की छंटनी की वजह से आशंका है कि प्लास्टिक पर बैन से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है जिसकी वजह से सरकार ने इस कदम को वापस लेने का फैसला किया है.

मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सरकार प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक बैग, प्लेट, छोटे बोतल, स्ट्रॉ और कुछ चुनिंदा प्रकार के प्लास्टिक पैकेट्स पर तुरंत रोक नहीं लगा रही है. इसके बदले सरकार लोगों को इन चीज़ों के इस्तेमाल रोकने के लिए प्रोत्साहित करेगी. वहीं पर्यावरण मंत्रालय के उच्च अधिकारी चंद्र किशोर मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के लिए परामर्श जारी करने का निर्देश दिया है. सरकार ने राज्य सरकारों से प्लास्टिक यूज की आदतों से मुक्ति पाने की पहल करने का आह्वान किया है. राज्य सरकार पहले चरण में जनता को प्लास्टिक आइटम्स से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करे. जब जनता जागरुक होगी तब यह आंदोलन जन आंदोलन में बदल जाएगा और तब तक सरकार इसके विकल्प में कुछ नया प्रयोग करेगी तब आसानी से लोग खुद ही प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर देंगे.

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सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद करने के ऐलान के बाद उद्योग जगत में भी निराशा का माहौल था उनका कहना था कि अगर बगैर स्पष्ट परिभाषा के प्रतिबंध को लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा वो भी ऐसे समय में जब पहले से ही उद्योग धंधे मंदी की चपेट में हैं और छंटनी की तैयारी में बैठे हों. आपको बता दें कि सिंगल प्लास्टिक यूज के उद्योग में सीधे तौर पर कार्यरत पांच लाख लोग और 50 लाख अन्य लोग अपनी आजीविका खो देंगे. मौजूदा समय में सिंगल प्लास्टिक उद्योग प्रत्यक्ष रूप से लगभग एक करोड़ लोगों को और अप्रत्यक्ष रूप से 10 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है. ऐसे में सरकार सिंगल प्लास्टिक यूज बंद करके बेरोजगारी की प्रतिशतता में बढ़ोत्तरी हो सकती जबकि पहले से ही मार्केट में मंदी की वजह से बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ा है.

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