सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अनुमानित विकास दर को बढ़ाकर 7.2 फीसदी किया
इससे पहले सीएसओ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) विकास दर की रफ्तार 7.2 फीसदी रहने का अग्रिम अनुमान लगाया था.
नई दिल्ली:
सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आर्थिक विकास दर को पूर्ववत अनुमानित 6.7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन (सीएसओ) मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, '2017-18 के लिए वास्तविक जीडीपी या लगातार कीमतों (2011-12) पर जीडीपी 131.80 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है और वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 122.98 लाख करोड़ रुपये है. जो 2017-18 के दौरान विकास दर 7.2 फीसदी और 2016-17 के दौरान विकास दर 8.2 फीसदी दिखाता है.'
इससे पहले सीएसओ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) विकास दर की रफ्तार 7.2 फीसदी रहने का अग्रिम अनुमान लगाया था.
इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में बजट सत्र के पहले दिन कहा कि पिछले साढ़े चार साल में देश की जीडीपी की औसत वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था औसतन 7.3 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि देश अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. वर्ष 2014 में वैश्विक जीडीपी में भारत का योगदान 2.6 प्रतिशत था, अब यह बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया है.
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राष्ट्रपति ने कहा कि देश अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. अब हमारे देश के सामने चौथी औद्योगिक क्रांति में निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर आया है. मेरी सरकार का यह प्रयास है कि देश के लोग इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं.
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