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लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को निर्मला सीतारमण ने दिया बूस्टर डोज, सुधार की बढ़ी उम्मीद, जानें 10 बड़ी बातें

दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर है, दुनिया में मांग घटने के आसार हैं, 2014 से हम अर्थव्यवस्था में सुधार ला रहे हैं

Updated on: 24 Aug 2019, 10:14 AM

नई दिल्ली:

निर्मला सीतारमण ने हाई इकोनॉमी ग्रोथ हासिल करने के लिए उठाए जाने वाले कदम को लेकर शुक्रवार की शाम को प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की. उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे. उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा, भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े देश खराब अर्थव्यवस्था से गुजर रहे हैं. हालांकि, सीतारमण ने कहा, भारत की ग्रोथ दूसरे कई देशों से बेहतर है. वहीं बैठक में मंत्रालय के सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहे. आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार, एक्सपेंडिचर सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू मौजूद रहे.

1. वित्त मंत्री ने कहा कि ग्लोबल मंदी को समझने की जरूरत है. अमेरिका और जर्मनी पर आर्थिक मंदी का असर है. दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर है. दुनिया में मांग घटने के आसार हैं. 2014 से हम अर्थव्यवस्था में सुधार ला रहे हैं.

2. जीएसटी को और आसान बनाएंगे. सरकार के एजेंडे में सुधार पहली प्राथमिकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में कारोबार करना आसान हुआ है. चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर से मंदी का खतरा बढ़ गया है.

3. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्डर, नोटिस, सम्मन, लेटर ये सभी अब सेंट्रलाइज तरीके से किसी को भेजें जाएंगे. ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो. 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज नोटिस चलेंगे. टैक्स पेयर्स को हैरेसमेंट न किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है.

4. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना पहले से काफी आसान हुआ है. इनकम टैक्स को लेकर किसी को नोटिस 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज सिस्टम से ही भेजा जा सकेगा.

5. सरचार्ज-लांग और शार्ट टर्म केपिटल गेन के लिए एफपीआई पर लगाया गया सर चार्ज वापस लिया गया. स्टार्टअप में अगर कोई टैक्स रिलेटेड समस्या है तो उसे जल्द सुलझाया जा सकेगा.

6. बैंकों को 70 हज़ार करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे बैंक लोगों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ दे सकें. बैंकों ने तय किया कि ब्याज दर घटाने के लिए MCLR को कम करेंगे. बैंक रेपो रेट लिंक्ड लोन प्रोजेक्ट लेकर आएंगे. जिसमें होम लोन कार लोन शामिल हैं. होम लोन की ब्याज दर से लोन प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी.

7. बैंक ऑनलाइन sattlement पालिसी लेकर आएंगे. कार, घर और अलग गुड्स खरीदने के लिए लिक्विडिटी को 20 हज़ार से 30 हज़ार करोड़ किया गया. ब्याज दर घटेगी तो ईएमआई भी कम होगी.

8. एमएसएमई की परिभाषा बदलने के लिए एमएसएमई एक्ट में बदलाव होगा. आधार बेस्ड KYC को काफी मजबूत करने की कोशिश, ताकि कस्टमर को समस्या न हो. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ा फैसला. सरकार और सरकारी कंपनियों द्वारा देरी से भुगतान की निगरानी एक्सपेंडिचर विभाग नज़र रखेगा और कैबिनेट सेक्रेटरी इसकी समीक्षा करेंगे.

9. ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत. बीएस 4 वाहन अब 31 मार्च 2020 तक खरीदा और पंजीकरण कराया जा सकेगा. 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे.

10. रेजिस्ट्रेशन फीस की समीक्षा को जून 2020 तक टाला गया. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा नई गाड़ियों के खरीदने पर लगाए बैन को वापस लिया. वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर के हितधारकों के साथ समय समय पर लगातार बातचीत जारी रखेगी. एनसीआर ओर अन्य शहरों में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट पर जल्द ही वित्त मंत्रालय जरूरी कदम का एलान करेगी.