logo-image

इन 6 'हथियारों' के जरिए आर्थिक मंदी से लड़ेगी नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंदी से निपटने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं.

Updated on: 24 Aug 2019, 10:14 AM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) से निपटने के लिए 6 'हथियारों' का इस्तेमाल करने जा रही है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंदी से निपटने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. बता दें कि वैश्विक बाजारों में मंदी का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ रहा है. ऐसे में वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाएं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी का काम कर सकती हैं. वित्त मंत्री ने 6 बड़ी घोषणाएं क्या की हैं, आइये जानने की कोशिश करते हैं.

यह भी पढ़ें: SBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) को लेकर किया बड़ा फैसला

शेयर, म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए खुशखबरी
मोदी सरकार (Modi Government) घरेलू और विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सरकार ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI के तौर पर पैसा लगाने वाले विदेशी निवेशक को सरचार्ज (Surcharge) को हटा लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ही बजट में अति समृद्ध लोगों पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. सरकार ने शॉर्ट टर्म (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG ) पर लगने वाले सरचार्ज को भी ख़त्म कर दिया है. हालांकि, सरचार्ज वापस लेने का फैसला बड़ी राहत वाला हो सकता है, क्योंकि एफपीआई ने वित्त मंत्री से हुई बैठक में साफ कहा था कि अगर सरचार्ज वापस नहीं होगा तो निवेश कर पाना मुश्किल है.

यह भी पढ़ें: ​​​​​Petrol Diesel Price: पेट्रोल और डीजल हुआ महंगा, फटाफट जानिए नए रेट

स्टार्टअप के ऊपर एंजल टैक्स (Angle Tax) हटाने का ऐलान
वित्त मंत्री ने स्टार्टअप (Startup) की टैक्स संबधित शिकायतों को दूर करने के लिए स्पेशल सेल बनाने के लिए कहा है. इस स्पेशल सेल के हेड CBDT चेयरमैन होंगे. इसके अलावा ही वित्त मंत्री ने स्टार्टअप से एंजेल टैक्स (Angle Tax) हटाने का ऐलान भी किया है. आपको बता दें कि कारोबार विस्तार के लिए जो पैसे जुटाए जाते हैं. इसके एवज में पैसे देने वाली कंपनी या संस्था को वे शेयर जारी करते हैं. अक्सर ये शेयर वाजिब कीमत के मुकाबले ज्यादा कीमत पर जारी किए जाते हैं. शेयर की अतिरिक्त कीमत को इनकम माना जाता है. इस इनकम पर टैक्स लगता है, जिसे एंजेल टैक्स कहा जाता है. स्टार्टअप को इस तरह मिले पैसे को एंजेल फंड कहते हैं. इनकम टैक्स विभाग एंजेल टैक्स वसूलता है.

यह भी पढ़ें: कारोबारियों के लिए बड़ी खुशखबरीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये टैक्स हटाने का किया ऐलान

सस्ते होंगे होम और ऑटो लोन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि RBI द्वार की गई कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सभी बैंक सहमत हो गए हैं. बैंक अब होम, ऑटो और दूसरे लोन की EMI को घटाएंगे.ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत. बीएस 4 वाहन अब 31 मार्च 2020 तक खरीदा और पंजीकरण कराया जा सकेगा. 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे.

यह भी पढ़ें: लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को निर्मला सीतारमण ने दिया बूस्टर डोज, सुधार की बढ़ी उम्मीद, जानें 10 बड़ी बात

छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी सुविधा
एमएसएमई की परिभाषा बदलने के लिए एमएसएमई एक्ट में बदलाव होगा. MSMEs लोन के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लाया जाएगा. अटकी पड़ी GST रिफंड को 30 दिन में चुका दिया जाएगा. इसके अलावा भविष्य में 60 दिन के भीतर GST रिफंड के मामले को निपटाना होगा. आधार बेस्ड KYC को काफी मजबूत करने की कोशिश, ताकि कस्टमर को समस्या न हो. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ा फैसला. सरकार और सरकारी कंपनियों द्वारा देरी से भुगतान की निगरानी एक्सपेंडिचर विभाग नज़र रखेगा और कैबिनेट सेक्रेटरी इसकी समीक्षा करेंगे.

यह भी पढ़ें: 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन ही होंगे मान्यः निर्मला सीतारमण

बड़ी कंपनियों को मिली राहत
वित्त मंत्री ने बड़ी कंपनियों के लिए भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि CSR के उल्लंघन को अब आपराधिक मामला नहीं माना जाएगा. इन मामलों को अब आपराधिक मामलों के बजाय सिविल मामलों की तरह से देखा जाएगा.

यह भी पढ़ें: शेयर बाजार व म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को बड़ी राहत

टैक्स पेयर्स के लिए बड़ी घोषणा
वित्त मंत्री ने कहा कि आगामी 1 अक्टूबर से सभी नोटिस को सेंट्रलाइज कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से भेजे जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्डर, नोटिस, सम्मन, लेटर ये सभी अब सेंट्रलाइज तरीके से किसी को भेजें जाएंगे. ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो. 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज नोटिस चलेंगे. टैक्स पेयर्स को हैरेसमेंट न किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना पहले से काफी आसान हुआ है. इनकम टैक्स को लेकर किसी को नोटिस 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज सिस्टम से ही भेजा जा सकेगा.