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कारोबारियों के लिए बड़ी खुशखबरीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये टैक्स हटाने का किया ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sithraman) ने लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उठाए गए कदम को लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Updated on: 23 Aug 2019, 07:38 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sithraman) ने लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उठाए गए कदम को लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने स्टार्टअप (Startup) की टैक्स संबधित शिकायतों को दूर करने के लिए स्पेशल सेल बनाने के लिए कहा है. इस स्पेशल सेल के हेड CBDT चेयरमैन होंगे. इसके अलावा ही वित्त मंत्री ने स्टार्टअप से एंजेल टैक्स (Angle Tax) हटाने का ऐलान भी किया है.

आपको बता दें कि कारोबार विस्तार के लिए जो पैसे जुटाए जाते हैं. इसके एवज में पैसे देने वाली कंपनी या संस्था को वे शेयर जारी करते हैं. अक्सर ये शेयर वाजिब कीमत के मुकाबले ज्यादा कीमत पर जारी किए जाते हैं. शेयर की अतिरिक्त कीमत को इनकम माना जाता है. इस इनकम पर टैक्स लगता है, जिसे एंजेल टैक्स कहा जाता है. स्टार्टअप को इस तरह मिले पैसे को एंजेल फंड कहते हैं. इनकम टैक्स विभाग एंजेल टैक्स वसूलता है.

ये हैं बड़े ऐलान

DPIIT में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स पर एंजेल टैक्स नहीं लगेगा.
CBDT का सदस्य स्टार्टअप्स की समस्याओं को देखेगा.
IT एक्ट का सेक्शन 56 (2B) इन स्टार्टअप पर लागू नहीं.

स्टार्टअप्स के लिए फंड जुटाना आसान होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले से स्टार्टअप्स के लिए मार्केट से पूंजी जुटाना आसान हो जाएगा.

हाल में हुए ऐलान

सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए भिन्न मताधिकार वाले शेयरों से जुड़े नियमों में ढील दी है. स्टार्टअप कंपनियों को इससे पूंजी जुटाने के दौरान कंपनी पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिल सकती है.

संशोधित नियमों के अनुसार, अब कंपनियों के पास निर्गम के बाद कुल चुकता पूंजी के 74 प्रतिशत तक भिन्न मताधिकार वाले शेयर वह रख सकते हैं. पहले यह सीमा 26 प्रतिशत थी. कॉरपोरेट मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत कंपनी (शेयर पूंजी एवं डिबेंचर) नियमों में संशोधन किया है. मंत्रालय के मुताबिक, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी कंपनियों से मिले अनुरोधों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है

टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि 25 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले छोटे स्टार्टअप को वादे के मुताबिक टैक्स हॉलिडे मिलना जारी रहेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि आयकर कानून 1961 की धारा 80-IAC में किए गए उल्लेख के अनुसार टैक्स हॉलिडे जारी रहेगा. इसके तहत पात्र स्टार्टअप के लिये उसके गठन के 7 साल में से तीन साल के लिए पूरी आय पर टैक्स छूट का प्रावधान किया गया है.