logo-image

Budget 2018: CBDT ने कहा, 40,000 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिये अब नहीं देना होगा बिल और कागज

सीबीडीटी प्रमुख सुशील चंद्रा ने कहा है कि पेंशन पाने वालों और सैलरीड करदाताओं को बजट में घोषित 40000 रुपए की छूट पाने के लिये बिल और कागजात दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी।

Updated on: 01 Feb 2018, 08:00 PM

नई दिल्ली:

सीबीडीटी प्रमुख सुशील चंद्रा ने कहा है कि पेंशन पाने वालों और सैलरीड करदाताओं को बजट में घोषित 40000 रुपए की छूट पाने के लिये बिल और कागजात दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, 'इस बार के बजट में पेंशनर और सैलरीड क्लास के करदाताओं को 40000 रुपये की सीधी और सामान्य छूट दी गई है... पहले कागजात और बिल देने पर कुछ लोगों को कनवेएंस अलाउंस मिल रहा था और कुछ लोगों को मेडिकल अलाउंस. लेकिन अब ये सारी प्रक्रियाएं हटा दी गई हैं। अब आप सीधे दावा कर सकते हैं।'

सीबीडीटी आयकर विभाग की टैक्स से संबंधित नीतियों को तय करता है।

चंद्रा ने कहा कि नए कदम से सैलरीड लोगों को लाभ मिलेगा और उन्हें इसके लिये किसी भी तरह की कागजी कार्यवाही नहीं करनी होगी।

उन्होंने कहा, 'सामान्य कटौती का अर्थ है कि इसमें किसी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी। हम सैलरी से इतर 40,000 की छूट देंगे।'

और पढ़ें: बजट 2018: सरकार को गरीबों से प्यार, मिडिल क्लास पर टैक्स-महंगाई की मार

इससे पहले करदाताओं को मेडिकल का बिल देना होता था और उन्हें यात्रा खर्च के लिये अलाउंस भी मिलता था। जिसमें 19,200 का ट्रवेल अलाउंस और 15,000 का मेडिकल अलाउंस मिलता था।

उन्होंने कहा कि इस बार का बजट एक टैक्स सुधार की तरह है।

उन्होंने कहा, 'हम सभी वर्गों के लोगों को लाभ देना चाहते थे। जिसमें मध्यम वर्ग, सैलरीड क्लास और एमएसएमई क्षेत्र के लोग शामिल थे और इस बजट में यही किया गया है।'

उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स को कम कर सरकार ने अपने वादे को निभाया है। अब 250 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर 25 फीसदी ही देना होगा। जो टैक्स सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

और पढ़ें: मूडीज़ ने कहा- 3.3 फीसदी का वित्तीय घाटा किया जा सकता है हासिल