logo-image

31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन ही होंगे मान्यः निर्मला सीतारमण

सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा नई गाड़ियों के खरीदने पर लगाए बैन को वापस लिया. वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर के हितधारकों के साथ समय समय पर लगातार बातचीत जारी रखेगी.

Updated on: 23 Aug 2019, 07:21 PM

नई दिल्ली:

निर्मला सीतारमण ने हाई इकोनॉमी ग्रोथ हासिल करने के लिए उठाए जाने वाले कदम को लेकर प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत दी है और बीएस -4 मानक वाले वाहनों की खरीद और रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ा दी है. उन्होंने कहा, भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े देश खराब अर्थव्यवस्था से गुजर रहे हैं. हालांकि, सीतारमण ने ये भी कहा, भारत की ग्रोथ दूसरे कई देशों से बेहतर है. कंसल्टेशन में हमने हफ्तेभर से ज्यादा अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों और सचिवों के साथ बैठक की थी, जिससे हालात के बारे में जाना जा सके.

यहां पर वित्तमंत्री ने ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत देते हुए बीएस 4 वाहन की खरीद और रजिस्ट्रेशन की तारीख अब 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दी है. यानी रजिस्ट्रेशन फीस की समीक्षा को जून 2020 तक टाला गया. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा नई गाड़ियों के खरीदने पर लगाए बैन को वापस लिया. वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर के हितधारकों के साथ समय समय पर लगातार बातचीत जारी रखेगी. एनसीआर ओर अन्य शहरों में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट पर जल्द ही वित्त मंत्रालय जरूरी कदम का एलान करेगी. 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे. 

गौरतलब हो कि वित्तमंत्री ने बैंकों को 70 हज़ार करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराया गया. जिससे बैंक ज़्यादा कर्ज़ दे सकें. बैंकों ने तय किया कि ब्याज दर घटाने के लिए MCLR को कम करेंगे. बैंक रेपो रेट लिंक्ड लोन प्रोजेक्ट लेकर आएंगे. जिसमें होम लोन कार लोन शामिल हैं. होम लोन की ब्याज दर से लोन प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी.बैंक ऑनलाइन sattlement पालिसी लेकर आएंगे. कार, घर और अलग गुड्स खरीदने के लिए लिक्विडिटी को 20 हज़ार से 30 हज़ार करोड़ किया गया. ब्याज दर घटेगी तो ईएमआई भी कम होगी.

आपको बता दें कि बीएस-4 मानक वाली गाड़ियों को लेकर अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश में कहा गया था कि बीएस-4 प्रदूषण उत्सर्जक का मानक है. इसके पहले केंद्र सरकार ने साल 2016 में यह घोषणा की थी कि बीएस-5 मानकों से आगे बढ़कर 2020 तक बीएस-6 मानक लागू किए जाएंगे. बीएस-6 ईंधन में बीएस-4 के मुकाबले सल्फर काफी कम होता है, इससे प्रदूषण भी कम होता है. उच्च बीएस मानकों वाले वाहन कम प्रदूषण फैलाते हैं. सरकारी तेल कंपनियां बीएस-6 ईंधन सप्लाई के लिए रिफाइनरियों में 28,000 करोड़ रुपए लगाएंगी.